गज़ल

Started by शिवाजी सांगळे, January 02, 2025, 03:40:56 PM

Previous topic - Next topic

शिवाजी सांगळे

गज़ल

हक़ीक़त तो उसको पता है हमारी
पहले से  ज़िंदगी लापता है हमारी

जो कुछ हुआ किस्मत का खेल था
फिर भी क्यों समझे ख़ता है हमारी

इश्क पर जोर चलता नहीं कहें कोई
है इश्क जोरदार ऐसी मता है हमारी

थे कहाँ माहिर हम कौनसी बातों में
ये उस्तादों से हासिल कता है हमारी

क्या लाएं साथ हुनर कुछ पता नहीं
पुर्खों से मिली, खरी 'अता है हमारी

आधी पूरी समझे या कुछ टूटी फूटी
पर दिलसे कहीं हुई ये बता है हमारी

©शिवाजी सांगळे 🦋papillon
संपर्क: +९१ ९५४५९७६५८९
©शिवाजी सांगळे 🦋papillon
संपर्क: +९१ ९५४५९७६५८९