आधुनिक साहित्य और समाज में इसकी भूमिका-1

Started by Atul Kaviraje, January 02, 2025, 10:50:31 PM

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Atul Kaviraje

आधुनिक साहित्य और समाज में इसकी भूमिका-

साहित्य और समाज के बीच गहरा संबंध होता है। साहित्य न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह समाज के विचारों, संस्कृतियों, और समस्याओं का दर्पण भी है। जैसे-जैसे समाज में बदलाव आते हैं, साहित्य भी उस बदलाव को व्यक्त करने का एक माध्यम बनता है। आधुनिक साहित्य का उदय 19वीं और 20वीं शताबदी में हुआ, जब समाज में बड़े पैमाने पर राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन हो रहे थे। आधुनिक साहित्य ने पारंपरिक विचारों को चुनौती दी और समाज के भीतर छिपे हुए सत्य, असमानताएँ, और संघर्षों को उजागर किया।

आधुनिक साहित्य ने साहित्यिक रूपों, विचारों और शैलियों में नई प्रयोगशीलता को जन्म दिया, जिससे साहित्य और समाज के बीच एक मजबूत संबंध स्थापित हुआ। इस लेख में हम आधुनिक साहित्य की परिभाषा, उसके प्रमुख गुण, और समाज पर इसके प्रभाव की चर्चा करेंगे।

आधुनिक साहित्य की परिभाषा और विशेषताएँ
आधुनिक साहित्य का जन्म उन समयों में हुआ जब औद्योगिकीकरण, साम्राज्यवाद, युद्ध, और सामाजिक आंदोलनों ने पूरे दुनिया के समाजों को प्रभावित किया। आधुनिक साहित्य ने वास्तविकता, नैतिकता, मनुष्य की मानसिकता, और समाज के बदलते स्वरूप पर गहन दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। यह साहित्य परंपरागत काव्यशास्त्र, आध्यात्मिकता, और दर्शन से बाहर निकल कर व्यक्ति और समाज के संबंधों पर आधारित था।

आधुनिक साहित्य की विशेषताएँ:
वास्तववाद (Realism): आधुनिक साहित्य ने समाज के असली चित्र को प्रस्तुत किया, न कि आदर्श या काल्पनिक चित्र। इसे वास्तववाद कहा जाता है। उदाहरण स्वरूप, गांधीजी के आंदोलन और भारतीय समाज के असमानता को समाज में चित्रित करने वाले लेखक, जैसे प्रेमचंद ने अपने लेखन में समाज की वास्तविक समस्याओं को उकेरा।

व्यक्तिवाद (Individualism): आधुनिक साहित्य में व्यक्तिवाद का महत्व बढ़ा। लेखक ने व्यक्तित्व, मानसिक संघर्ष, और आत्मनिर्भरता के पहलुओं को सामने लाया। जैसे फ्रांज काफ्का के काव्य में व्यक्ति के भीतर की असमर्थता और अकेलेपन को व्यक्त किया गया है।

नई शैली और रूप (New Forms and Styles): आधुनिक साहित्य ने कविता, कहानी, नाटक और काव्यशास्त्र के पारंपरिक रूपों से हट कर नए रूपों को जन्म दिया। टॉमस मान और जेम्स जॉयस जैसे लेखक नाटकों और कहानियों में अभिव्यक्ति की नयी विधाओं का उपयोग करने के लिए प्रसिद्ध हैं।

समाज की असमानता और संघर्षों का चित्रण (Depiction of Social Inequality and Struggles): आधुनिक साहित्य ने सामाजिक असमानता, जातिवाद, लिंगभेद और वर्ग संघर्षों को प्रमुखता से चित्रित किया। उदाहरण के रूप में, प्रेमचंद की कहानियाँ समाज के असमान वर्गों और उनकी स्थितियों को उजागर करती हैं। उन्होंने अत्याचार, गरीबी और जातिवाद जैसे मुद्दों को साहित्य का हिस्सा बनाया।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-02.01.2025-गुरुवार.
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