"शांत जल पर प्रतिबिंबित होती चाँदनी"

Started by Atul Kaviraje, January 03, 2025, 12:39:50 AM

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Atul Kaviraje

शुभ रात्रि, शुभ गुरुवार मुबारक हो

"शांत जल पर प्रतिबिंबित होती चाँदनी"

शांत जल पर प्रतिबिंबित होती चाँदनी,
जैसे आकाश की गहरी मोहब्बत का पैगाम हो।
चाँद का नूर, जल की छांव में बिखरता,
हर लहर में चाँदनी की मृदुल मुस्कान बिखरता। 🌙✨

पानी की लहरें, चाँदनी को सजाती हैं,
रात की सर्दी में नयी उमंग जगाती हैं।
चाँद का रूप, जल में जैसे समा जाता है,
हर क़दम पर चाँद, जल से बातें करता है। 🌊💫

जल की शांतिपूर्ण लहरों में चाँदनी बसी,
हर एक झलक में ख्वाबों की दुनिया मिली।
चाँद के साथ जल में एक नई कहानी बसी,
शांतिपूर्वक, चुपचाप, हर दिल में शांति की कशी। 🌟💭

आकाश से चाँद और जल से उसकी छाया,
दोनों एक-दूसरे में खोए हुए जैसे कोई साया।
शांत जल पर चाँदनी की चमक कहती है,
प्रकृति के सौंदर्य का अद्भुत रहस्य बयां करती है। 🌙🌊

यह दृश्य कितना सुंदर और सुकून भरा है,
जल में चाँदनी का प्रतिबिंब दिल को छूने वाला है।
इन चाँदनी लहरों में एक गीत सुनाई देता है,
जो हमें जीवन की शांति का अहसास दिलाता है। 🎶💖

     यह कविता शांत जल में चाँदनी के प्रतिबिंब का चित्रण करती है। यह दृश्य शांति, सौंदर्य और प्रकृति के सामंजस्य को दर्शाता है। चाँद और जल की मिलनसारता हमें जीवन की शांति और निखार का अहसास कराती है।

चित्र, चिन्ह और इमोजी:
🌙✨🌊💫🌟💭🎶💖

--अतुल परब
--दिनांक-02.01.2025-गुरुवार.
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