"एक शांत नदी जिसके पानी में पेड़ों की झलक दिखती है"

Started by Atul Kaviraje, January 03, 2025, 06:26:36 PM

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Atul Kaviraje

शुभ दोपहर, शुक्रवार मुबारक हो

"एक शांत नदी जिसके पानी में पेड़ों की झलक दिखती है"

एक शांत नदी बहती जाती है,
जहाँ पानी में पेड़ों की झलक समाती है। 🌊🌳
हरे-भरे पेड़, जो नदी में डूबे,
उनकी छांव पानी में जैसे सपने रूपे। 💧✨

नदी का पानी गहरे और शुद्ध,
पेड़ों का प्रतिबिंब हो जाता है सजीव और गुंथ। 🌿💖
चमकती किरणें नदी की लहरों में बसी,
हर झलक में प्रकृति की सुंदरता वसी। 🌞🌾

वृक्षों की छायाएँ नदी के संग,
मुलायम लहरों में जैसे नृत्य करतीं अंग। 🍃💃
धीरे-धीरे वे लहरों में तैरती जाती हैं,
कभी झुकी, कभी ऊपर उठती जाती हैं। 🌬�🌳

शांत नदी के किनारे खड़ा मैं,
देखता हूँ पेड़ों की झलक, मन को समझा। 💖🌿
यह दृश्य दिल को आराम देता है,
प्रकृति की आवाज़ एक सुखद राग सुनाता है। 🎶🍂

पानी में प्रतिबिंबित हर पेड़,
हमें दिखाता है नर्म और शांत हरे। 🌲💧
नदी की शांत लहरें, दिल को सुकून देती हैं,
यह दृश्य जीवन के तनाव को शांत करती है। 🌅🌿

     यह कविता एक शांत नदी के दृश्य का वर्णन करती है, जिसमें पानी में पेड़ों की झलक दिखाई देती है। नदी के शांत पानी में पेड़ों के प्रतिबिंब, सूर्य की किरणों और हवा के हलके स्पर्श के साथ, यह कविता प्रकृति की सुंदरता और शांति को महसूस कराती है। यह दृश्य दिल को आराम देता है और जीवन के तनाव को कम करने की शक्ति रखता है।

प्रतीक और इमोजी:

🌊 - नदी, शांति
🌳 - पेड़, जीवन
💧 - पानी, प्रतिबिंब
✨ - चमक, सुंदरता
🌿 - पत्ते, निसर्ग
💖 - प्रेम, शांति
🌞 - सूरज, उजाला
🍃 - ताजगी, प्राकृतिक
💃 - नृत्य, प्रवाह
🌬� - हवा, हलका स्पर्श
🍂 - पत्ते, बदलाव
🎶 - संगीत, सुखद आवाज
🌲 - विशाल वृक्ष, प्रकृति
🌅 - सूर्योदय, नवप्रभात

--अतुल परब
--दिनांक-03.01.2025-शुक्रवार.
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