देवी दुर्गा की 'शक्ति पूजा' और उनके भव्य स्वरूप का स्वरूप-

Started by Atul Kaviraje, January 03, 2025, 10:41:33 PM

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Atul Kaviraje

देवी दुर्गा की 'शक्ति पूजा' और उनके भव्य स्वरूप का स्वरूप-

प्रस्तावना:

भारत में देवी दुर्गा की पूजा एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। यह पूजा शक्ति, साहस, और अद्वितीय संरक्षण की देवी के रूप में उनकी पूजा का प्रतीक है। देवी दुर्गा का स्वरूप अत्यधिक भव्य और दिव्य है, जो उनके अद्भुत सामर्थ्य और रक्षात्मक शक्ति का प्रतीक है। शक्ति पूजा में उनकी महिमा और शक्ति का आह्वान किया जाता है, ताकि उनके भक्तों को जीवन में कठिनाइयों से उबरने के लिए शक्ति प्राप्त हो। विशेष रूप से 'नवरात्रि' के समय देवी दुर्गा की पूजा की जाती है, जब उनकी शक्ति का अनुष्ठान और भव्य रूप देखा जाता है।

इस लेख में हम देवी दुर्गा की शक्ति पूजा के महत्व को और उनके भव्य स्वरूप का विवेचन करेंगे, साथ ही समाज पर उनके प्रभाव को भी समझेंगे।

देवी दुर्गा की पूजा और उनकी शक्ति का महत्व:

शक्ति पूजा का तात्पर्य: देवी दुर्गा की पूजा में मुख्य रूप से उनकी शक्ति का आह्वान किया जाता है। 'शक्ति' का मतलब केवल शारीरिक बल नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक शक्ति भी है। देवी दुर्गा के भक्तों का विश्वास है कि जब कोई कठिन समय आता है, तो वे देवी दुर्गा से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं ताकि वे अपनी आंतरिक शक्ति को जागृत कर सकें और विपत्तियों का सामना कर सकें। शक्ति पूजा का उद्देश्य आत्मविश्वास, साहस, और अनवरत संघर्ष के लिए आशीर्वाद प्राप्त करना होता है।

उदाहरण:

नवरात्रि के दौरान, भक्त देवी दुर्गा की पूजा में विशेष रूप से उनके रूप की शक्ति की आराधना करते हैं। उनका विश्वास है कि दुर्गा की उपासना से घर-परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है और बुरी शक्तियों से रक्षा होती है।
देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है, जैसे शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा आदि। प्रत्येक रूप में उनकी अलग-अलग शक्ति का प्रतीक होता है, जो विभिन्न रूपों में भक्तों को ऊर्जा प्रदान करती है।
देवी दुर्गा का भव्य रूप: देवी दुर्गा का स्वरूप अत्यंत भव्य और शक्तिशाली होता है। उन्हें अक्सर आठ या दस हाथों में विभिन्न आयुधों के साथ चित्रित किया जाता है, जिनमें त्रिशूल, खड्ग, शंख, और बाण आदि होते हैं। उनका यह रूप दर्शाता है कि वे केवल एक देवी नहीं, बल्कि हर एक प्रकार के दुष्ट और बुरी शक्तियों का संहार करने वाली शक्तिशाली देवी हैं। उनका वाहन सिंह है, जो उनके अद्वितीय साहस और शक्ति का प्रतीक है।

उदाहरण:

देवी दुर्गा का प्रत्येक रूप दर्शाता है कि वे शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्तर पर शक्ति का समावेश करती हैं। उनके भव्य रूप को देखकर भक्तों को यह विश्वास होता है कि कोई भी समस्या और संकट उनका सामना नहीं कर सकता।
देवी दुर्गा के रूप में 'महिषासुर मर्दिनी' की पूजा की जाती है, जहाँ वे महिषासुर, जो एक राक्षस था, को अपने शक्तिशाली रूप से हराती हैं। यह रूप शक्तिशाली दुष्टों के खिलाफ युद्ध और विजय का प्रतीक है।
समाज पर प्रभाव: देवी दुर्गा की शक्ति पूजा का समाज पर गहरा प्रभाव होता है। उनका आशीर्वाद भक्तों को मानसिक और शारीरिक शक्ति प्रदान करता है, जिससे वे अपने जीवन की चुनौतियों का साहसिक तरीके से सामना कर सकते हैं। देवी दुर्गा के आशीर्वाद से समाज में एकता और संघर्ष की भावना जागृत होती है। विशेषकर महिलाओं में अपनी शक्ति और आत्मनिर्भरता की भावना का विकास होता है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-03.01.2025-शुक्रवार.
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