देवी काली और 'राक्षसों का वध करने वाली'-1

Started by Atul Kaviraje, January 03, 2025, 10:43:17 PM

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Atul Kaviraje

देवी काली और 'राक्षसों का वध करने वाली'-

प्रस्तावना:

भारतीय संस्कृति में देवी काली का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। देवी काली का रूप और उनके कार्यकलाप दोनों ही अत्यधिक शक्तिशाली और भयावह होते हैं। उन्हें राक्षसों का संहार करने वाली देवी माना जाता है, जो संसार में दुष्ट शक्तियों का नाश करती हैं। देवी काली का स्वरूप अत्यधिक भयंकर है, लेकिन यह स्वरूप उनके संहारक रूप को दर्शाता है, जिससे जीवन में संतुलन और शांति स्थापित होती है। उनके राक्षसों का वध करने वाले रूप को देखकर भक्तों में आशा और विश्वास का संचार होता है, कि वे बुराई के खिलाफ संघर्ष करने की शक्ति प्राप्त कर सकते हैं।

इस लेख में हम देवी काली के राक्षसों का वध करने वाले रूप और उनके समाज पर प्रभाव को विस्तृत रूप से समझेंगे। साथ ही उनके भक्तिभाव को भी प्रस्तुत करेंगे।

देवी काली का रूप और राक्षसों का वध
देवी काली का रूप: देवी काली को अक्सर काले रंग में चित्रित किया जाता है, उनके शरीर पर काले कपड़े होते हैं और उनका मुख रक्त से सना होता है। उनके चार हाथों में विभाजन होते हैं: एक हाथ में त्रिशूल, एक हाथ में खड्ग (刀), एक हाथ में गदा, और एक हाथ में आशीर्वाद का प्रतीक मुद्रा होती है। उनके ऊपर मुण्डमाला और गहने होते हैं, जो यह दर्शाते हैं कि वे राक्षसों और बुराई के प्रतीक हैं, जिन्हें वे नष्ट करती हैं। उनका वाहन 'शिव' होता है, जो उनके साथ शक्ति और संहारक रूप में उपस्थित रहते हैं।

राक्षसों का वध: देवी काली का प्रमुख कार्य राक्षसों का वध करना है। वे राक्षसों और दुष्टों से लड़ने में महारत रखती हैं। जब संसार में दुष्ट शक्तियों की अधिकता हो जाती है और वे धर्म को नष्ट करने का प्रयास करती हैं, तब देवी काली प्रकट होती हैं और उन राक्षसों का वध करती हैं। उनका यह रूप दर्शाता है कि बुराई का अंत केवल शक्ति और साहस से ही संभव है।

उदाहरण:

महिषासुर मर्दिनी: महिषासुर, जो एक राक्षस था, ने देवताओं और धरती पर अत्याचार करना शुरू किया था। देवी दुर्गा ने उसे हराया, लेकिन राक्षसों के संहार के बाद देवी काली ने उसका वध किया, ताकि संसार में शांति स्थापित हो।
दशमहाविद्या: देवी काली को दस महाविद्याओं में एक के रूप में पूजा जाता है, जो बुराई और राक्षसों का विनाश करती हैं। उनके रूप का उद्देश्य यह दिखाना है कि ब्रह्मांड में संतुलन बनाए रखने के लिए बुराई का विनाश अनिवार्य है।
समाज पर देवी काली का प्रभाव: देवी काली का राक्षसों का वध करने वाला रूप समाज में न्याय, धर्म, और सत्य की स्थापना करता है। उनके रूप और उनकी पूजा से समाज में बुराई के खिलाफ संघर्ष करने की प्रेरणा मिलती है। देवी काली का उपासक अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानता है और जीवन की कठिनाइयों से लड़ने के लिए अपने भीतर के राक्षसों को नष्ट करने की कर्तव्य भावना को जागृत करता है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-03.01.2025-शुक्रवार.
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