संतोषी माता पूजा और इसका समाज पर प्रभाव-1

Started by Atul Kaviraje, January 03, 2025, 10:46:37 PM

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Atul Kaviraje

संतोषी माता पूजा और इसका समाज पर प्रभाव-

प्रस्तावना:

भारत में विविध देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, जिनमें प्रत्येक की पूजा विधि और भक्तों के लिए विशिष्ट महत्व है। उनमें से एक प्रमुख देवी हैं – संतोषी माता। संतोषी माता की पूजा विशेष रूप से श्रद्धा, संतोष, और सुख-शांति के लिए की जाती है। संतोषी माता का संबंध मनुष्य के जीवन से जुड़ी संतुष्टि, समृद्धि, और मानसिक शांति से है। उनका महत्व भारतीय समाज में विशेष रूप से गृहिणियों और सामान्य जनों के बीच अधिक है, क्योंकि वे विशेष रूप से कठिनाइयों, दरिद्रता और मानसिक अशांति से मुक्ति दिलाने वाली मानी जाती हैं। इस लेख में हम संतोषी माता पूजा के महत्व, इसकी पूजा विधि, समाज पर इसके प्रभाव और उदाहरणों के साथ विस्तृत रूप से चर्चा करेंगे।

संतोषी माता की पूजा का महत्व:
देवी संतोषी का परिचय: संतोषी माता को देवी दुर्गा के एक रूप के रूप में पूजा जाता है, जो कि अपने भक्तों को मानसिक संतोष और सुख प्रदान करती हैं। उनके बारे में यह मान्यता है कि वे उन लोगों की परेशानियों का निवारण करती हैं जो जीवन में संतुष्ट नहीं हैं। विशेष रूप से वे उन लोगों की पूजा करती हैं जो जीवन में धन, वैभव, और सुख की तलाश में होते हैं।

संतोषी माता पूजा की विधि: संतोषी माता की पूजा विशेष रूप से शुक्रवार के दिन की जाती है। इस दिन विशेष रूप से व्रत रखा जाता है, और देवी के चरणों में फूल, धूप, दीप, और मिठाई चढ़ाई जाती है। भक्त अपनी कठिनाइयों और दुखों को दूर करने के लिए देवी से आशीर्वाद मांगते हैं। पूजा के दौरान विशेष रूप से देवी के चित्र या मूर्ति के सामने घी का दीपक जलाना जाता है।

पूजा विधि में भक्त देवी के 108 नामों का जप करते हैं, और फिर एक विशेष भोग अर्पित करते हैं, जो आमतौर पर गुड़ और बेसन से बनी मिठाई होती है। इसके बाद, भक्त अपने पूरे परिवार के लिए आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और देवी से सुख, समृद्धि, और संतोष की कामना करते हैं।

संतोषी माता पूजा का समाज में महत्व: संतोषी माता की पूजा समाज में मानसिक शांति और संतुष्टि का संदेश देती है। यह पूजा उन लोगों के लिए एक अभयदान है जो जीवन में परेशानियों और निराशाओं का सामना कर रहे होते हैं। संतोषी माता का पूजा महज एक धार्मिक कर्तव्य नहीं बल्कि एक मानसिक और आत्मिक शांति की प्रक्रिया मानी जाती है। यह पूजा व्यक्ति को यह सिखाती है कि जीवन में जो कुछ भी है, उसी में संतुष्ट रहना चाहिए।

धार्मिक और मानसिक संतोष: संतोषी माता की पूजा से जीवन में संतोष की भावना का विकास होता है। जब लोग भगवान से अधिक सुख और समृद्धि की कामना करते हैं, तो संतोषी माता की पूजा उन्हें यह समझने में मदद करती है कि खुश रहने के लिए बहुत अधिक भौतिक वस्तुएं नहीं चाहिए, बल्कि संतोष की भावना सबसे बड़ा सुख है।

उदाहरण:

कई बार व्यक्ति अधिक धन और सम्पत्ति की चाह में तनाव और मानसिक असंतोष का शिकार हो जाते हैं, ऐसे में संतोषी माता की पूजा से उन्हें मानसिक संतुलन और शांति प्राप्त होती है।
संतोषी माता की पूजा से यह संदेश मिलता है कि जो कुछ भी हमारे पास है, वही हमारे लिए पर्याप्त है, और हमें उसी में खुश रहना चाहिए।
समाज पर प्रभाव: संतोषी माता की पूजा समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाती है। यह पूजा समाज के सामान्य वर्ग के लोगों को यह सीख देती है कि वे भौतिक संसाधनों की अधिकता के बजाय मानसिक संतुष्टि और आत्मिक शांति को प्राथमिकता दें। इस पूजा के माध्यम से लोग जीवन की छोटी-छोटी खुशियों को महत्व देना शुरू करते हैं, जो उन्हें मानसिक संतोष और सुख देती हैं।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-03.01.2025-शुक्रवार.
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