"शाम की हवा के साथ एक शांतिपूर्ण बरामदा"

Started by Atul Kaviraje, January 04, 2025, 09:37:43 PM

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Atul Kaviraje

शुभ संध्या, शनिवार मुबारक हो

"शाम की हवा के साथ एक शांतिपूर्ण बरामदा"

शाम की ठंडी हवा, हल्की सी रिमझिम बूँदें,
बरामदे में बैठा, महसूस कर रहा हूँ ये सुंदर सी लहरें। 🌾🍃
सूरज की रौशनी भी धीरे-धीरे हो रही है मद्धिम,
आकाश में तारे सज रहे हैं, जैसे हो कुछ शुभ्र, कुछ स्वच्छ। ✨🌙

सुगंधित हवा बही जा रही है, बगिया से कुछ फूलों का संदेश,
मन को शांति मिल रही है, जैसे हर चिंताओं का हो सफ़ा काadesh। 🌸💨
बरामदे में यह शांति, बस खुद में खो जाने का एहसास,
आखों में सपने और दिल में इश्क़ का एक राज़। 💖💫

गुलाबी आकाश, ठंडी हवा की छुअन,
मन को सुकून देती है, जैसे हो कोई पुरानी सुनहरी धुन। 🎶🌅
कभी-कभी बस ऐसे ही एक चुप्प, एक ठहराव चाहिए,
जब न हो कोई तंग, और केवल शांति से जीने की चाहत हो बाकी। 🕊�🌿

बरामदा, यह जगह, जहाँ जीवन को कुछ पल शांत महसूस होता है,
हवाओं की गूंज, धीरे-धीरे दिल को भर देती है। 🍃🪴
आशा है यह शांति, यह हवा की रागिनी, जीवन भर बनी रहे,
और हर कदम पर एक नयी ताजगी का एहसास दिलाती रहे। 🌼🌙

     यह कविता शांति और सुकून का अनुभव करने वाली शाम की एक शांतिपूर्ण शाम के बारे में है। हवा के हल्के झोंकों में बैठा व्यक्ति अपने जीवन के छोटे, सुंदर पलों को महसूस करता है। यह कविता न केवल निसर्ग की सुंदरता का चित्रण करती है, बल्कि मानसिक शांति और विश्राम की भी बात करती है।

प्रतीक और इमोजी:

🌾🍃 - शाम की हवा और बगीचे से आती खुशबू
✨🌙 - धीरे-धीरे अंधेरे में बदलता आकाश और तारे
🌸💨 - हवा में ताजगी और सुगंधित फूलों की महक
💖💫 - शांति का एहसास और दिल से जुड़े विचार
🎶🌅 - सुकून और ठंडी हवा में संगीत की धुन
🕊�🌿 - शांति और जीवन के सरल पल
🍃🪴 - शांतिपूर्ण वातावरण और निसर्ग की महिमा
🌼🌙 - जीवन में नई ताजगी और निरंतर शांति

--अतुल परब
--दिनांक-04.01.2025-शनिवार.
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