भारतीय लोक कला और उसका संरक्षण-2

Started by Atul Kaviraje, January 05, 2025, 10:21:11 PM

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Atul Kaviraje

भारतीय लोक कला और उसका संरक्षण-

लोक कला का संरक्षण:

लोक कला का संरक्षण न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के लिए जरूरी है, बल्कि यह भारतीय पहचान और सामाजिक विविधता को सशक्त बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसके संरक्षण के लिए कुछ उपायों की आवश्यकता है:

शिक्षा और प्रशिक्षण: पारंपरिक लोक कला के कलाकारों को बेहतर प्रशिक्षण और शिक्षा देने से यह कला जीवित रह सकती है। कला विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में लोक कला को प्रमुखता देना और इसके बारे में अधिक से अधिक जन जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण है।

आर्थिक सहायता और प्रोत्साहन: लोक कला के कलाकारों को आर्थिक सहायता और पुरस्कारों से प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इससे उन्हें अपनी कला को बनाए रखने और उसे निरंतर सुधारने का अवसर मिलेगा।

स्थानीय समुदायों में सहयोग: लोक कला का संरक्षण स्थानीय समुदायों के सहयोग से किया जा सकता है। गाँवों और छोटे शहरों में लोक कला के महत्व को समझाना और उसे बढ़ावा देना जरूरी है। इसके लिए विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों में लोक कला की प्रदर्शनी और प्रदर्शन आयोजित किया जा सकता है।

प्रौद्योगिकी का उपयोग: आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए लोक कला को प्रचारित किया जा सकता है। इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से कला को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल सकती है। इसके अलावा, दस्तावेजीकरण और वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए लोक कला को सुरक्षित किया जा सकता है।

संस्थागत संरक्षण: सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा लोक कला को संरक्षित करने के लिए संग्रहालयों, दीर्घाओं और सांस्कृतिक केंद्रों की स्थापना की जा सकती है, जहां लोक कला की प्रदर्शनी आयोजित की जा सके।

उदाहरण:

कांगड़ा पेंटिंग:
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की यह चित्रकला शैली प्राचीन भारतीय चित्रकला का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। इसे संरक्षित करने के लिए स्थानीय कलाकारों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है और इसके संरक्षण के लिए संग्रहालय भी स्थापित किए गए हैं।

पाटचित्रकला (Bengal Pat Chitra):
यह बंगाल की एक प्रसिद्ध लोक कला है, जो पारंपरिक कागज पर बनाई जाती है। पाटचित्रकला के कलाकारों को संगठित करने और उनकी कला को संरक्षित करने के लिए विभिन्न सरकारी योजनाएँ और फाउंडेशन काम कर रहे हैं।

निष्कर्ष:

भारतीय लोक कला हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा है, जो हमारी पहचान, इतिहास और परंपराओं का प्रतीक है। इस कला का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है, ताकि यह आने वाली पीढ़ियों तक पहुँच सके और हमारी सांस्कृतिक विविधता को जीवित रख सके। हमें इस कला के महत्व को समझते हुए इसे संरक्षण देने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे, ताकि भारतीय लोक कला का संरक्षण हो सके और यह सदियों तक जीवित रहे।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-05.01.2025-रविवार.
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