"अंधेरे जंगल में एक चमकता हुआ लालटेन"

Started by Atul Kaviraje, January 06, 2025, 12:23:43 AM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

शुभ रात्रि, रविवार मुबारक हो

"अंधेरे जंगल में एक चमकता हुआ लालटेन"

अंधेरे में एक चमकता हुआ दीप,
लालटेन की लौ जहाँ जाग रही है, एक नींद। 🕯�🌲
जंगल की गहराई में उसकी रोशनी दूर तक जाती,
आशा की किरण, जैसे आत्मा को राह दिखाती। 🌙✨

सर्द हवाएँ उसके पास आते हैं,
लालटेन की रोशनी में पथ गुम हो जाते हैं।
लेकिन उस एक बत्ती का विश्वास मजबूत,
जो हमें दिखाती है मंजिल की ओर। 🌿💡

     यह कविता दिखाती है कि अंधेरे में भी एक छोटे से प्रकाश से मार्गदर्शन मिलता है, जैसे जीवन में मुश्किलों के बावजूद उम्मीद की एक किरण होती है।

--अतुल परब
--दिनांक-05.01.2025-रविवार.
===========================================