"खिड़की के पास पढ़ने का आरामदायक नुक्कड़"

Started by Atul Kaviraje, January 06, 2025, 05:00:29 PM

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Atul Kaviraje

शुभ दोपहर, सोमवार मुबारक हो

"खिड़की के पास पढ़ने का आरामदायक नुक्कड़"

खिड़की से आती ठंडी, हल्की सी हवा,
पढ़ने का वक्त, बैठने का अपना तरीका। 🌬�📖
आसपास किताबें, शब्दों का अनमोल खजाना,
मन में बसी उम्मीदें, दिल में अपनापन समाना। 📚💡

हर पन्ने में कहानी, हर पंक्ति में विचार,
खिड़की से छनकर आती धूप, जैसे कोई नया विचार। 🌞💭
आंखों में सपने, हाथों में किताब,
पढ़ाई का हर पल, सुकून और संतुलन का ख्वाब। 📝❤️

नुक्कड़ में बैठकर, खुद में खो जाने का सुख,
स्मृतियों के साथ गूंजे, शब्दों की हंसी की झलक। 📖🌟
यह शांत कोना, एक शांत संसार,
हर किताब, हर शब्द, जैसा हो एक नया विचार। 🌸📚

     यह कविता उस आरामदायक जगह की कहानी है जहां एक व्यक्ति शांति से पढ़ता है, खुद को नये विचारों से भरता है। किताबों और खिड़की से आती हवा में जो शांति मिलती है, वह किसी अनमोल खजाने से कम नहीं होती।

--अतुल परब
--दिनांक-06.01.2025-सोमवार. 
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