गुरु गोविंदसिंह जयंती - एक हिंदी कविता-

Started by Atul Kaviraje, January 06, 2025, 10:47:11 PM

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Atul Kaviraje

गुरु गोविंदसिंह जयंती - एक हिंदी कविता-

गुरु गोविंदसिंह जी, तुम हो वीर महान,
धर्म के रक्षक, सत्य के अवतार महान।
शस्त्रों से सजे थे, मगर दिल में शांति,
धर्म की राह पर चलें, यही थी उनकी बाती।

सिखों के गुरु, धर्म के सच्चे रक्षक,
सच्चाई की ताकत से करते थे सच्चे युद्ध।
हमें दिखाया तुमने, कैसे लड़ा जाता है,
भक्तिपूर्वक सत्य के लिए संघर्ष किया जाता है।

गुरु गोविंदसिंह का जीवन एक प्रेरणा है,
धर्म, वीरता और भक्ति का संगम है।
शांति का पाठ, युद्ध का युद्ध नहीं,
सच्चे धर्म के रास्ते पर जो भी चले, वह जीतता है।

तुमने अपने सिखों को सिखाया था,
"इंसानियत के लिए लड़ो, कभी ना डरना।"
तुम्हारा जीवन है एक मिसाल,
हमेशा याद रखेंगे हम तुम्हारा शौर्य और भक्ति का हाल।

गुरु गोविंदसिंह जी की जयंती पर,
हम सब मिलकर आशीर्वाद लें उनका।
उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लें,
और सच्चाई की राह पर अडिग कदम बढ़ाएं।

धर्म के रक्षक, आप हो हमारे प्रेरणा,
आपके योगदान से ही तो उजाला है हमारा।
गुरु गोविंदसिंह, आपके चरणों में वंदन,
हम आपके आशीर्वाद से जीवन को सजाएं। 🙏✨

कविता का अर्थ:

यह कविता गुरु गोविंदसिंह जी के जीवन और उनके महान कार्यों की प्रशंसा करती है। गुरु गोविंदसिंह जी ने धर्म की रक्षा के लिए युद्ध लड़ा और हमेशा सत्य, शांति, और इंसानियत की दिशा में काम किया। उनकी जयंती पर हम उन्हें श्रद्धा अर्पित करते हैं और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं। यह कविता उनके शौर्य, वीरता और भक्ति को श्रद्धांजलि देने के लिए लिखी गई है, जो सिख समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

सिंबल्स, इमोजीज, और चित्र:

⚔️ (युद्ध की तलवार): गुरु गोविंदसिंह जी की वीरता और शौर्य का प्रतीक।
📜 (धार्मिक शास्त्र): गुरु गोविंदसिंह जी के धार्मिक शिक्षाएं और उनके योगदान का प्रतीक।
🙏 (हाथ जोड़ना): गुरु के प्रति श्रद्धा और आशीर्वाद की प्रतीक।
🌟 (तारा): गुरु गोविंदसिंह जी का मार्गदर्शन और आशीर्वाद।
🕊� (कबूतर): शांति और धर्म की रक्षा का प्रतीक।

चित्र:

चित्र 1: गुरु गोविंदसिंह जी का चित्र, वे तलवार लेकर शौर्यपूर्ण मुद्रा में खड़े हैं, उनके आस-पास उनके अनुयायी हैं।
चित्र 2: एक सुंदर गुरुद्वारा, जहां गुरु गोविंदसिंह जी के अनुयायी और भक्त पूजा कर रहे हैं और उनके मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं।
गुरु गोविंदसिंह जी की जयंती पर, इस कविता के माध्यम से हम उनके जीवन को याद करते हैं और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं।

--अतुल परब
--दिनांक-06.01.2025-सोमवार. 
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