"दोपहर का नाश्ता और ताज़ा पेय"

Started by Atul Kaviraje, January 07, 2025, 07:51:22 PM

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Atul Kaviraje

शुभ दोपहर, मंगलवार मुबारक हो

"दोपहर का नाश्ता और ताज़ा पेय"

दोपहर की धूप, थोड़ा आराम और स्वाद,
नाश्ता ताजे फल, और ताजे पेय का आदान-प्रदान। 🍇🍊
चाय के कप में हर घूंट सुख और प्यार,
दूध, शहद और अदरक का हल्का सा ताजगी का आकार। ☕🍯

पानी की बोतल, गार्निश का ताज,
नाश्ते का स्वाद, दिल को खुशी का राज। 🍞🍅
स्नैक्स का स्वाद, कड़ी में घुलते मसाले,
ताजे पेय, जैसे दिल को मिलते हैं सहारे। 🍋🥤

जीवन का आनंद, दिन का पहला कदम,
स्वादिष्ट नाश्ता, बनता है आराम का कलम। 🥪🍹
सभी ताजगी में मिले, गुदगुदाती सी रचना,
एक छोटा सा विश्राम, सभी का मनोबल बढ़ाता। 🍊🍪

     यह कविता दुपहर के नाश्ते और ताजे पेय का आनंद लेने के बारे में है। यह जीवन में छोटे-छोटे आराम और स्वादिष्ट अनुभवों के महत्व को दर्शाती है, जो हमें मानसिक शांति और खुशी प्रदान करते हैं।

--अतुल परब
--दिनांक-07.01.2025-मंगळवार.
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