नारीवाद और पितृसत्तात्मक समाज -1

Started by Atul Kaviraje, January 07, 2025, 10:53:11 PM

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Atul Kaviraje

नारीवाद और पितृसत्तात्मक समाज - उदाहरणों सहित विस्तृत विवेचन-

नारीवाद और पितृसत्तात्मक समाज दोनों ही समाज की संरचना और सामाजिक समीकरणों को गहरे स्तर पर प्रभावित करने वाले विचार हैं। जहाँ एक ओर नारीवाद महिलाओं के अधिकारों, समानता और उनके सम्मान के लिए संघर्ष करता है, वहीं पितृसत्तात्मक समाज पुरुषों के प्रभुत्व और महिलाओं के दबाव को बनाए रखने का प्रयास करता है। यह लेख इन दोनों विचारों के परिप्रेक्ष्य में समाज के विभिन्न पहलुओं को समझने का प्रयास करेगा, साथ ही उदाहरणों के माध्यम से इसे स्पष्ट करेगा।

पितृसत्तात्मक समाज: परिभाषा और प्रभाव
पितृसत्तात्मक समाज वह समाज है, जहाँ पुरुषों को महिलाओं पर वर्चस्व और प्रभुत्व प्राप्त होता है। ऐसे समाज में पुरुषों को अधिक अधिकार, सम्मान और शक्ति मिलती है, जबकि महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से सीमित किया जाता है। पितृसत्तात्मक संरचनाओं के अंतर्गत महिलाओं के लिए पारंपरिक भूमिका निर्धारित की जाती है, जैसे कि घर में रहकर बच्चों की देखभाल करना, जबकि पुरुषों को बाहर जाकर काम करने, निर्णय लेने और परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी निभाने की जिम्मेदारी दी जाती है।

पितृसत्तात्मक समाज की शुरुआत प्राचीन काल से हुई, जब अधिकांश समाजों में महिलाओं को घरेलू कार्यों तक सीमित कर दिया गया और पुरुषों को सार्वजनिक जीवन में भागीदारी का अवसर मिला। इस प्रकार, यह संरचना न केवल महिलाओं के व्यक्तिगत विकास को बाधित करती है, बल्कि समाज में लैंगिक असमानताओं को भी जन्म देती है।

नारीवाद: परिभाषा और उद्देश्य
नारीवाद एक सामाजिक और राजनीतिक आंदोलन है, जिसका उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें समानता प्रदान करना है। यह विचारधारा महिलाओं के समान अवसर, अधिकारों और स्वतंत्रता की मांग करती है, ताकि वे समाज में अपनी पूर्ण क्षमता के साथ भाग ले सकें। नारीवाद का इतिहास लंबे समय से चला आ रहा है, और इसके विभिन्न रूप समय के साथ विकसित हुए हैं।

नारीवाद का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव और हिंसा को समाप्त करना, उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और अन्य सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक अधिकारों में समान अवसर प्रदान करना है। यह समाज में महिलाओं की स्थिति को सुधारने और उनके लिए एक समान और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए काम करता है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-07.01.2025-मंगळवार.
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