"रात में लुप्त होते सूर्यास्त की आखिरी झलक"

Started by Atul Kaviraje, January 08, 2025, 12:20:21 AM

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Atul Kaviraje

शुभ रात्रि, मंगलवार मुबारक हो

"रात में लुप्त होते सूर्यास्त की आखिरी झलक"

सूर्यास्त की आखिरी रंगीन झलक,
रात को गले लगाती है, जैसे एक मीठी गलक। 🌇🌙
गुलाबी और सुनहरे रंग आकाश में बहते,
आखिरी समय का सौंदर्य हमें छुपाते। 🌅✨

वह क्षण जो हर दिन हमें दिखता है,
जिंदगी का एक यादगार पल जैसा लगता है।
सूर्यास्त से रात की ओर धीरे-धीरे बढ़ना,
समय के साथ हम भी अपनी राह पाते हैं। 🌇🌒

अर्थ:
यह कविता सूर्यास्त के अंतिम क्षणों की सुंदरता को दर्शाती है, जहां दिन और रात का संगम एक नया अनुभव देता है, जो जीवन के बदलते हुए क्षणों को व्यक्त करता है।

--अतुल परब
--दिनांक-07.01.2025-मंगळवार.
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