"शाम को खिड़की के पास एक आरामदायक कम्बल"

Started by Atul Kaviraje, January 09, 2025, 09:48:27 PM

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Atul Kaviraje

शुभ संध्या, शुभ गुरुवार मुबारक हो

"शाम को खिड़की के पास एक आरामदायक कम्बल"

खिड़की से आती ठंडी हवा,
एक कम्बल में लिपटा, मन शांत होता है। 🏠🌬�
शाम का समय जब धीरे-धीरे धुंधला होता है,
कम्बल में लिपट कर हर दर्द भूल जाता है। 🌙🛏�

चाँद की हल्की रौशनी चमकती है,
कम्बल में रूमानी दुनिया बसती है।
शाम के सन्नाटे में शांतिपूर्ण विराम मिलता है,
हर चिंता और परेशानी सुकून में बदल जाती है। 🌜💤

     आरामदायक कम्बल और खिड़की से आती हवा, जीवन के तनाव को समाप्त कर देती है और हमें शांति का अनुभव कराती है।

--अतुल परब
--दिनांक-09.01.2025-गुरुवार.
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