10 जनवरी 2025 – विश्व हिंदी दिवस-

Started by Atul Kaviraje, January 10, 2025, 11:45:41 PM

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Atul Kaviraje

10 जनवरी 2025 – विश्व हिंदी दिवस-

विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना और उसकी महत्ता को समझना है। हिंदी, भारत की राजभाषा के रूप में और दुनियाभर में बड़ी संख्या में बोली जाने वाली भाषा के रूप में, एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। 10 जनवरी 1975 को हिंदी को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक पहचान देने के उद्देश्य से पहले विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन हुआ था, और तभी से यह दिन विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। यह दिन हिंदी की वैश्विक स्थिति को और मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है।

विश्व हिंदी दिवस का महत्त्व:
हिंदी, भारतीय उपमहाद्वीप की प्रमुख भाषाओं में से एक है और भारत में इसे राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। इसके अलावा, यह नेपाल, पाकिस्तान, बांगलादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया, फिजी, गुयाना और अन्य देशों में भी बोली जाती है। हिंदी भाषा की शक्ति और प्रभावी संवाद कौशल ने इसे दुनिया की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में शुमार किया है।

हिंदी केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, साहित्य, और परंपराओं का जीवंत रूप है। हिंदी साहित्य में तुलसीदास, सूरदास, मीरabai, प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, और निराला जैसे महान साहित्यकारों ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है। हिंदी के माध्यम से भारतीय समाज और उसकी संस्कृति का अनूठा दर्शन दुनिया के विभिन्न हिस्सों में होता है।

हिंदी के प्रचार-प्रसार के उदाहरण:
दुनिया भर में हिंदी के बढ़ते कदम: हिंदी फिल्म उद्योग, यानी बॉलीवुड, का विश्वभर में बड़ा प्रभाव है। हिंदी फिल्मों, गानों और गीतों ने न केवल भारत बल्कि पाकिस्तान, नेपाल, बांगलादेश, मध्य पूर्व और यहां तक कि पश्चिमी देशों में भी अपनी पहचान बनाई है। भारतीय डायस्पोरा ने भी हिंदी भाषा को अपनी संस्कृति से जोड़कर रखा है और हिंदी सिनेमा के माध्यम से अपनी संस्कृति का प्रचार किया है।

सांस्कृतिक प्रभाव: हिंदी साहित्य और कविता के माध्यम से भारत के महान साहित्यकारों ने दुनियाभर में भारतीय संस्कृति और विचारों को फैलाया। हिंदी में लेखन करने वाले साहित्यकारों की काव्य रचनाएँ, उपन्यास और कहानियाँ विदेशों में भी पढ़ी जाती हैं और हिंदी साहित्य का प्रभाव दुनियाभर के पाठकों पर पड़ा है।

आधुनिक तकनीकी माध्यमों में हिंदी: सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफार्म्स ने हिंदी को और अधिक लोकप्रिय बना दिया है। फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम जैसे मंचों पर हिंदी में सामग्री का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, जिससे यह भाषा युवाओं के बीच और भी प्रचलित हो रही है।

लघु कविता:-

हिंदी है भाषा हमारे देश की,
वह बिंदी है माथे की रेखा।
उससे जुड़ी हैं हमारी नायक कथाएँ,
हमारी भूमि, हमारा पेड़, हमारी शाखा।

हिंदी में है प्यार और सद्भाव,
सपनों की राह, और सच्चाई का साथ।
हम सबका कर्तव्य बनता है यही,
हिंदी को बढ़ावा देना, यही है हमारा साथ।

हिंदी का समाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव:
हिंदी न केवल एक भाषा है, बल्कि यह भारतीय समाज का एक प्रमुख हिस्सा है। इसके माध्यम से हम अपनी संस्कृति, परंपराओं, और विचारों को व्यक्त करते हैं। हिंदी समाज में एकता, विविधता के बावजूद, जोड़ने का कार्य करती है। विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं को साथ लेकर हिंदी ने भारतीय समाज को एकजुट करने का काम किया है। हिंदी के द्वारा विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों और समुदायों के बीच एक सेतु बनता है, जिससे सामाजिक और सांस्कृतिक समन्वय को बढ़ावा मिलता है।

हिंदी की वैश्विक महत्वता:
विश्व हिंदी दिवस के माध्यम से यह संदेश फैलता है कि हिंदी को सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में भी एक सम्मानजनक स्थान दिया जाए। यह भाषा संयुक्त राष्ट्र संघ जैसी अंतरराष्ट्रीय संगठनों में अपनी जगह बना चुकी है। हिंदी का बढ़ता प्रभाव डिजिटल युग में और भी अहम हो गया है, जहाँ इस भाषा में संवाद करने वालों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है।

हिंदी की महत्ता को समझते हुए कई देशों ने अपने यहां हिंदी शिक्षा और साहित्य को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रमों की शुरुआत की है। हिंदी में उपलब्ध साहित्य, विचार, और दृष्टिकोण दुनियाभर में लोगों को जोड़ते हैं और एकता का संदेश देते हैं।

निष्कर्ष:
विश्व हिंदी दिवस न केवल हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार का दिन है, बल्कि यह दिन हिंदी भाषा की वैश्विक महत्ता को समझने और उसका सम्मान करने का भी है। हिंदी को एक सम्मानजनक स्थान दिलाना हम सभी का कर्तव्य है। यह एक ऐसी भाषा है जो हमारे समाज, संस्कृति, और परंपराओं को जोड़ती है और हमारे देश को एकता के सूत्र में बांधती है। हिंदी का प्रचार और प्रसार न केवल हमारे देश के भीतर, बल्कि दुनियाभर में इसका महत्व बढ़ाना हम सबकी जिम्मेदारी है।

जय हिंदी!
🙏📚🌍

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-10.01.2025-शुक्रवार.
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