"सूर्यास्त की किरणें बादलों को चीरती हुई 🌅☁️"

Started by Atul Kaviraje, January 11, 2025, 10:31:42 PM

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Atul Kaviraje

शुभ संध्या, शनिवार मुबारक हो

"सूर्यास्त की किरणें बादलों को चीरती हुई 🌅☁️"

सूर्यास्त की किरणें बादल चीरती,
सोनेरी रौशनी आसमान में फैलती।
हर एक किरण दिल को सुकून देती,
जीवन के हर पल में नयी उम्मीद जगी। ✨

     This poem depicts the beauty of the sunset rays breaking through the clouds, symbolizing hope and tranquility in life.

"सूर्यास्त की किरणें बादलों को चीरती हुई 🌅☁️"

सूरज की किरणें बादल चीरें,
सुनहरी रोशनी में रात धीरे-धीरे,
हर अंधेरा दूर हो जाए,
सपनों की दुनिया सजा जाए। 🌅✨

बादल जैसे रुठे हुए हों,
सूरज की किरणें उन्हें छुएं,
हर कोने में आशा बसी हो,
जैसे हर दिल में उम्मीद हो। ☁️💖

सपने बदलते हैं जैसे रंग,
हर किरण के साथ नई उमंग,
आकाश रंगे चांदी और सोने में,
सूरज का आशीर्वाद हर क्षण में। 🌞🌟

सूर्यास्त के समय वह दृश्य अद्भुत,
जो दिल को सुकून दे, सब कुछ शुभ,
बादल हैं जैसे शांति का प्रतीक,
सूर्यास्त में हर पल अति सुंदर है, ये अनमोल ध्रुव। 🌄🌸

रंगों की छांव में, रूप बदलते हैं,
सूर्यास्त के बाद, रात छा जाती है,
लेकिन हर किरण में विश्वास बसता है,
कि फिर नया दिन शुभ आएगा, यह प्यारा सा सन्देश आता है। 🌇💫

शाम की ये छांव हमें सिखाती है,
रात के बाद सुबह होती है,
सूरज की किरणें बादल चीर कर आती हैं,
जैसे हर दुख के बाद खुशी भी आती है। 🌅💖

     यह कविता सूर्यास्त के समय बादलों को चीरती सूरज की किरणों के सुंदर दृश्य को दर्शाती है। यह हमारे जीवन में आशा और उम्मीद की तरह है, जैसे सूर्यास्त के बाद हर नया दिन फिर से आता है। कविता यह सिखाती है कि जीवन में हर कठिनाई के बाद एक नई शुरुआत होती है, जैसे सूरज की किरणें हर बादल को पार कर देती हैं। यह कविता जीवन के संघर्षों और फिर आने वाली खुशियों का प्रतीक है।

🌅☁️🌸

--अतुल परब
--दिनांक-11.01.2025-शनिवार.
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