"दोपहर में शांत नदी पर मछली पकड़ने वाली नाव 🚣‍♂️🌊"

Started by Atul Kaviraje, January 12, 2025, 04:28:03 PM

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Atul Kaviraje

शुभ दोपहर, रविवार मुबारक हो

"दोपहर में शांत नदी पर मछली पकड़ने वाली नाव 🚣�♂️🌊"

दोपहर की धूप में, नदी की शांत लहरें,
मछली पकड़ने वाली नाव, चलती है धीरे-धीरे।
नदी के पानी में, हर ठंडी लहर का गीत,
माँसूमियत और शांति, जहाँ बसी रहती है रीत। 🌞🎣

     यह कविता नदी के शांत पानी और मछली पकड़ने वाली नाव के खूबसूरत दृश्य को चित्रित करती है, जो शांति और आनंद का प्रतीक है।

"दोपहर में शांत नदी पर मछली पकड़ने वाली नाव 🚣�♂️🌊"

दोपहर की धूप, हल्की सी सर्दी,
नदी के किनारे, एक नाव चली चली।
संतुलित जल पर, लहरें नाचती,
नाव में मछली पकड़ने वाली हाथों से जाती। 🌞🚣�♂️

शांत जल में जैसे गहरी चुप्प सी,
हर लहर एक गीत गाती है हसी।
मछली के झुंड, पानी में तैरते,
नाव की ओर धीरे-धीरे आते। 🌊🐟

मछुआरे का चेहरा, शांत और सधा,
मन में उम्मीदें, हाथों में जाल सधा।
नदी की लहरों के साथ-साथ झूमते,
वो शांतिपूर्ण तरीके से मछलियां चुनते। 🎣👐

हवा हल्की, मन में शांति,
नदी की धारा, दे रही राहत की संजीवनी।
धूप की किरणें गिरती हैं पानी में,
हर पल, हर सांस, अनमोल हो जाती है जीवन में। 🌿💧

नाव में बसी एक दुनिया है शांत,
नदी की गहराई में छुपा है अनुपम सौंदर्य का मान।
दोपहर की शांति, और मछुआरे की नाव,
संगम करती है स्वाभाविक रूप से, यही है जीवन का पावन ख्वाब। 🌞🌊

     यह कविता शांत नदी पर मछली पकड़ने वाली नाव के दृश्य को प्रस्तुत करती है। नदी की शांति, मछुआरे की साधना और जीवन की सरलता का प्रतीक है। यह कविता हमें यह संदेश देती है कि जीवन में सरलता, शांति और निरंतर प्रयास से हम अपनी मंजिल तक पहुँच सकते हैं।

चित्र और प्रतीक (Emojis):

🚣�♂️ नाव - शांति और साधना
🌊 नदी - जीवन की धारा और शांति
🐟 मछली - प्रयास और फल
🌞 सूरज - ऊर्जा और आशा
💧 पानी - शांति और जीवन
🎣 मछली पकड़ने का जाल - परिश्रम और संघर्ष
🌿 प्रकृति - प्राकृतिक सौंदर्य और शांति

     यह कविता हमें जीवन की सरलता, शांति और परिश्रम के महत्व को याद दिलाती है। मछुआरे की नाव, नदी की धारा और शांत दोपहर का वातावरण हमें जीवन में संतुलन और संतोष की ओर प्रेरित करता है। 🚣�♂️🌊

--अतुल परब
--दिनांक-12.01.2025-रविवार.
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