12 जनवरी, 2025 - स्वामी विवेकानंद जयंती-1

Started by Atul Kaviraje, January 12, 2025, 11:38:07 PM

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Atul Kaviraje

12 जनवरी, 2025 - स्वामी विवेकानंद जयंती-

स्वामी विवेकानंद का जीवन केवल भारतीय समाज के लिए नहीं, बल्कि सम्पूर्ण विश्व के लिए प्रेरणास्त्रोत है। उनके विचार, कार्य और जीवन की शिक्षा आज भी लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ती है। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था, और उनकी जयंती को हम "युवक दिवस" के रूप में मनाते हैं। स्वामी विवेकानंद ने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने, आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास को बढ़ावा देने के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया।

स्वामी विवेकानंद का जीवन कार्य:

स्वामी विवेकानंद का जीवन कार्य न केवल भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करने का था, बल्कि उन्होंने विश्व मंच पर भारतीय तत्त्वज्ञान, योग और दर्शन को प्रस्तुत किया। वे रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे और उन्होंने अपनी शिक्षा के दौरान भारतीय वेदों, उपनिषदों और धार्मिक ग्रंथों का गहन अध्ययन किया। स्वामी विवेकानंद ने 1893 में शिकागो विश्व धर्म महासभा में अपने ऐतिहासिक भाषण से पूरे विश्व को भारतीय संस्कृति की महिमा से परिचित कराया।

उनकी विशेषता यह थी कि उन्होंने आध्यात्मिकता को जीवन की वास्तविकता के साथ जोड़कर देखा। उनका विश्वास था कि वास्तविक धर्म वह है जो मनुष्य को अपने जीवन में सामाजिक और आध्यात्मिक बदलाव की दिशा में प्रोत्साहित करता है। स्वामी विवेकानंद के विचारों ने भारत में न केवल धार्मिक जागरूकता को बढ़ावा दिया, बल्कि शिक्षा, समाज सुधार और युवा सशक्तिकरण को भी एक नई दिशा दी।

स्वामी विवेकानंद ने हमेशा कहा कि "तुम्हारी अपनी शक्ति का तुम्हें एहसास होना चाहिए", और यही विचार उन्होंने युवाओं को विशेष रूप से दिए, ताकि वे अपने जीवन में महान उद्देश्य को प्राप्त कर सकें। उनका आदर्श था – "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।"

स्वामी विवेकानंद के जीवन से कुछ उदाहरण:
स्वामी विवेकानंद का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनका प्रसिद्ध भाषण "आपका भारत" शिकागो में दिया गया था, जहाँ उन्होंने पश्चिमी देशों के सामने भारतीय संस्कृति, योग, वेदांत और तात्त्विक शिक्षाओं को प्रस्तुत किया। इस भाषण ने भारतीय संस्कृति की धारा को विश्वभर में फैलाया। स्वामी विवेकानंद ने हमेशा भारतीय समाज में व्याप्त कुरीतियों, अंधविश्वास और असमानता का विरोध किया और समाज सुधार के लिए आंदोलन किया।

उनकी एक और महत्वपूर्ण सोच थी – "स्वयं में विश्वास करो, तभी तुम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हो।" उनके इस विचार ने लाखों लोगों को आत्मविश्वास और शक्ति प्रदान की। वे हमेशा कहते थे कि समाज की असली उन्नति तभी संभव है जब उस समाज के लोग शिक्षित, जागरूक और आत्मनिर्भर हों।

स्वामी विवेकानंद जयंती का महत्व:
स्वामी विवेकानंद जयंती 12 जनवरी को प्रत्येक वर्ष मनाई जाती है। इस दिन को विशेष रूप से युवा दिवस के रूप में मनाने का उद्देश्य युवाओं को स्वामी विवेकानंद के आदर्शों से परिचित कराना है। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि आत्मविश्वास, कड़ी मेहनत, और निस्वार्थ सेवा के द्वारा हम अपने जीवन को एक ऊंचे स्तर पर ले जा सकते हैं। स्वामी विवेकानंद ने हमें यह सिखाया कि जीवन में कठिनाइयाँ आएंगी, लेकिन अगर हमारी सोच सही दिशा में हो और हम कड़ी मेहनत करें, तो कोई भी समस्या बड़ी नहीं हो सकती।

स्वामी विवेकानंद ने भारतीय समाज को यह भी बताया कि धर्म केवल पूजा पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के हर व्यक्ति की भलाई और उन्नति में योगदान देना ही वास्तविक धर्म है। उन्होंने भारतीय समाज को यह समझाया कि अगर हम अपनी आंतरिक शक्ति को पहचान लें और उसे सही दिशा में लगाएं तो हम समाज में एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-12.01.2025-रविवार.
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