पेंग्विन जागरूकता दिवस – कविता-

Started by Atul Kaviraje, January 20, 2025, 10:42:42 PM

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Atul Kaviraje

पेंग्विन जागरूकता दिवस – कविता-

🐧 पेंग्विन की पुकार 🐧

नन्हे पेंग्विन की आवाज सुन,
संवेदनशील मन क्यों न हो हलचल?
जागो, जागो, सब लोग जागो,
प्रकृति के इस रत्न को बचाओ! 🌍

समुद्र के किनारे, बर्फ की चादर में,
रहते पेंग्विन अपने ठंडे ठिकाने में।
नन्हे पंखों से उड़ान नहीं भरते,
पर पानी में, तैरने में माहिर रहते। 🌊

संवेदनशीलता की आवश्यकता
पेंग्विन हैं प्रकृति के प्रहरी,
ध्यान दो, उनका जीवन खतरे में है सधि।
जलवायु परिवर्तन ने कर दी मुश्किलें भारी,
सर्द हवाओं में, पेंग्विन की दुनिया ज्यों हो वैरी! 🌬�

समुद्र का बर्फीला संसार
बर्फ के महल में घर उनका प्यारा,
पर बर्फ पिघलता जाता है, दर्द बढ़ता हमारा।
उनके ठिकाने छिन रहे हैं धीरे-धीरे,
जो था उनका घर, अब वो ढूंढे। ❄️

आवश्यकता है जागरूकता की
जलवायु संकट का समाधान चाहिए,
धरती के संतुलन को सुधारना चाहिए।
पेंग्विन को बचाने का है अब वक्त,
उन्हें बचाओ, ना हो कभी उनका संकट! 🕊�

हम सबका कर्तव्य
प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा करो,
प्राकृतिक सौंदर्य का रक्षण करो।
पेंग्विन को जीवन देना, है ये हमारी जिम्मेदारी,
कभी न भूलना, ये संजीवनी हमारी! 🌱

नए युग में कदम बढ़ाएं
संवेदनशीलता के संग चलो,
पेंग्विनों को बचाओ, नए युग में कदम बढ़ाओ।
समझो, प्रकृति की शक्तियों को,
और पेंग्विनों को जीवन का आशीर्वाद दो। ✨

🐧 पेंग्विन जागरूकता दिवस

मनुष्य का काम है अब और बढ़ाएं,
जागरूकता की लहर हर एक में फैलाएं।
पेंग्विनों को बचाने की शक्ति हमें है,
हम सब मिलकर यह कार्य कर सकते हैं, ये हम पर निर्भर है! 🌟

--अतुल परब
--दिनांक-20.01.2025-सोमवार. 
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