"गेहूँ के खेत पर हल्की हवा"-1

Started by Atul Kaviraje, January 21, 2025, 06:41:47 PM

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Atul Kaviraje

शुभ दोपहर, मंगलवार मुबारक हो

"गेहूँ के खेत पर हल्की हवा"

गेहूँ के खेतों में हल्की हवा,
संग ले आई खुशबू सजा।
हर बालियाँ हिलतीं हैं धीरे-धीरे,
हवाओं में राग गातीं हैं खिले। 🌾🍃

सूरज की किरणें सोने जैसी,
किसान की मेहनत में बसी।
धरा की संजीवनी, जीवन का आधार,
सारे खेतों में लहराता प्यार। 🌞👩�🌾

सोनाली रंग में रंगी धरती,
हर धान्य का सपना है सच्चा।
हवाएँ चलती हैं नर्म और कोमल,
खुशियाँ फैलाती हैं धरती की गहनों की चमक। 🌾💛

पंखुड़ी सी बर्फीली हवा,
आते जाते हैं मौसम के बदलाव।
नदियाँ गाती हैं मधुर गीत,
फूलों में खिलता है नया प्रीत। 🌸🎶

यह हवा नहीं केवल बहती,
यह खेतों की तकदीर को संजोती।
किसान की मेहनत से हर दाना,
सफलता की रेखा सजा देती है। 🚜🌾

Meaning:
This poem celebrates the peaceful and life-giving breeze that flows over the wheat fields. It highlights the hard work of farmers and the joy that the wind carries as it touches the crops, symbolizing growth, nature's harmony, and the beauty of the earth.

Symbols and Emojis: 🌾🍃🌞👩�🌾💛🌸🎶🚜

--अतुल परब
--दिनांक-21.01.2025-मंगळवार.
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