के.एम. करिअप्पा डे - कविता-

Started by Atul Kaviraje, January 28, 2025, 11:13:45 PM

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Atul Kaviraje

के.एम. करिअप्पा डे - कविता-

🪖 के.एम. करिअप्पा का योगदान 🪖

28 जनवरी को मनाया जाने वाला के.एम. करिअप्पा डे भारतीय सेना के महान नायक कुंवर सिंह महेश्वर (के.एम.) करिअप्पा की जयंती है, जिन्होंने भारतीय सेना की आध्यात्मिकता, साहस और समर्पण के प्रतीक के रूप में अपनी पहचान बनाई। उनका योगदान भारतीय सेना के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है, क्योंकि उन्होंने भारतीय सेना के पहले भारतीय मुख्य कमांडर के रूप में कार्य किया और सेना को नई दिशा दी।

कविता:

देश की सेवा में खड़ा एक सच्चा वीर,
करिअप्पा का नाम था हर दिल में असर। 🇮🇳🪖

साथी थे सब सैनिक उनके, कंधे से कंधा मिला,
अद्वितीय था उनका साहस, वतन को हर हाल में बचा लिया। 💪🌟

वो थे उस समय के नायक, जब जरूरत थी उनकी राह,
उन्होंने एक नई दिशा दी, सेना के साहस की परिभाषा। ⚔️🌟

मूल्य, आदर्श और कर्तव्य से था भरा उनका दिल,
अपने देश के लिए हर एक कदम था वो दृढ़, साहसी और निडर। ❤️👣

उनका संदेश है आज भी हम सभी के लिए,
देश की सेवा सबसे बड़ी है, यही है जीवन का असली उद्देश्य। 🕊�🙏

कविता का अर्थ:
यह कविता भारतीय सेना के महान नेता के.एम. करिअप्पा के योगदान और उनके साहस को श्रद्धांजलि अर्पित करती है। उनके जीवन और कार्य ने भारतीय सेना के लिए एक नया आदर्श स्थापित किया। यह कविता हमें यह समझाती है कि एक सैनिक का जीवन समर्पण, कर्तव्य और देशप्रेम से भरा होता है। करिअप्पा जी ने भारतीय सेना को एक नया दिशा दी और अपने साहस और नेतृत्व से हमें प्रेरित किया। उनका संदेश था कि देश की सेवा सर्वोपरि होती है।

के.एम. करिअप्पा के योगदान के उदाहरण:

भारतीय सेना के पहले भारतीय मुख्य कमांडर
के.एम. करिअप्पा भारतीय सेना के पहले भारतीय मुख्य कमांडर थे। उन्होंने भारतीय सेना के कांटेदार रास्तों पर एक नई दिशा दिखाई और सेना में सुधारों की शुरुआत की। उनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने आत्मनिर्भरता और मजबूत संकल्प का परिचय दिया।

भारत-पाकिस्तान युद्ध 1947-48 में उनका योगदान
करिअप्पा जी ने भारतीय सेना के नेतृत्व में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका धैर्य, साहस और रणनीतिक सोच भारतीय सेना के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई।

सेना में आत्मनिर्भरता का संदेश
करिअप्पा जी ने भारतीय सेना में आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास को बढ़ावा दिया। उन्होंने सैनिकों को यह सिखाया कि कोई भी संकट आए, हमें हर परिस्थिति का डटकर सामना करना चाहिए।

सैनिकों के लिए आदर्श
उनकी जीवनशैली, उनके नेतृत्व और उनके समर्पण ने भारतीय सेना के सैनिकों के लिए आदर्श का काम किया। उनकी सिखाई गई निष्ठा, साहस और कर्मठता आज भी सेना के हर सैनिक के दिल में बसी हुई है।

निष्कर्ष:
के.एम. करिअप्पा डे हमें भारतीय सेना के महान नायक के साहस और समर्पण को याद करने का अवसर देता है। यह दिन हमें यह सिखाता है कि देश की सेवा सबसे बड़ा कर्तव्य है। हमें उनके द्वारा दिखाए गए साहस, नेतृत्व और समर्पण से प्रेरणा लेकर अपने देश की सेवा में काम करना चाहिए। उनके योगदान ने भारतीय सेना को मजबूती दी और वह आज भी उनकी दी गई दिशा में मजबूती से बढ़ रही है।

धन्यवाद के.एम. करिअप्पा!
🇮🇳🪖💖

--अतुल परब
--दिनांक-28.01.2025-मंगळवार.
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