सIतेरीदेवी जत्रा-मंगेश देवस्थान-गोवा-

Started by Atul Kaviraje, February 02, 2025, 11:03:07 PM

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Atul Kaviraje

सIतेरीदेवी जत्रा-मंगेश देवस्थान-गोवा-

सतीरीदेवी जत्रा - मंगेश देवस्थान, गोवा-

सतीरीदेवी जत्रा गोवा के मंगेश देवस्थान में आयोजित एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव है। यह उत्सव विशेष रूप से 2 फरवरी को मनाया जाता है और गोवा के विभिन्न क्षेत्रों के लोग इस दिन सतीरीदेवी की पूजा और भक्ति में संलग्न होते हैं। मंगेश देवस्थान, जो गोवा के प्रमुख मंदिरों में से एक है, का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व अत्यधिक है, और यहाँ पर आयोजित होने वाली सतीरीदेवी जत्रा को विशेष रूप से श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। इस उत्सव का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह गोवा की समृद्ध धार्मिक परंपराओं को बनाए रखने और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने का एक अवसर है।

सतीरीदेवी का धार्मिक महत्व
सतीरीदेवी को गोवा में विशेष रूप से पूजा जाता है, और उन्हें शक्ति, समृद्धि, और शांति की देवी माना जाता है। सतीरीदेवी की पूजा गोवा के ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक श्रद्धा और विश्वास के साथ की जाती है। उनकी पूजा से न केवल शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है, बल्कि यह धार्मिक रूप से भी भक्तों को जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि और सुख की प्राप्ति दिलाती है।

सतीरीदेवी का मंदिर मंगेश देवस्थान में स्थित है और यहाँ देवी की पूजा अर्चना से भक्तगण अपने जीवन के हर क्षेत्र में सुख और सफलता की कामना करते हैं। खासतौर पर इस जत्रा के दौरान भक्त देवी से संकटों से मुक्ति, सुरक्षा, और आध्यात्मिक शांति की प्रार्थना करते हैं।

सतीरीदेवी जत्रा का आयोजन
सतीरीदेवी जत्रा का आयोजन मंगेश देवस्थान में भक्तों की एकत्रित भीड़ के साथ किया जाता है। इस दिन, पूरे मंदिर परिसर में भक्तों का उत्साह और श्रद्धा का माहौल होता है। मंगल ध्वनि, भजन कीर्तन, और प्रार्थना के बीच, लोग देवी की पूजा करते हैं और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए विभिन्न अनुष्ठान करते हैं। इस जत्रा का मुख्य आकर्षण ध्वजा चढ़ाना, आरती, और हवन होते हैं, जिनमें पूरे गांव और आसपास के क्षेत्र के लोग भाग लेते हैं।

जात्रा के दौरान मंदिर के आसपास धार्मिक गीतों और लोक नृत्यों का आयोजन भी किया जाता है। देवी के भव्य रथ को सजाया जाता है, और भक्तगण श्रद्धा भाव से उसे मंदिर तक लेकर आते हैं। इस अवसर पर मंदिर में विशेष प्रसाद वितरण किया जाता है, जिससे भक्तों को देवी की आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। यह उत्सव गोवा के सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है।

सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व
सतीरीदेवी जत्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक अवसर है जब गोवा के समाज के विभिन्न वर्ग एकत्रित होते हैं और आपस में भाईचारे और प्रेम की भावना को बढ़ावा देते हैं। इस जत्रा के दौरान मंदिर में भक्तों का मिलना और एक दूसरे से प्रेम और विश्वास का आदान-प्रदान करना, समाज में सामूहिक एकता का संदेश देता है। यह उत्सव गोवा के ग्रामीण जीवन की संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखता है।

साथ ही, इस जत्रा के माध्यम से गोवा के लोक संगीत, नृत्य, और कला का भी प्रदर्शन होता है। लोग पारंपरिक पोशाक पहनकर इस धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन का हिस्सा बनते हैं, और इस प्रकार से गोवा की विविधता और सांस्कृतिक धरोहर को समर्पित किया जाता है।

लघु कविता-

"सतीरीदेवी जत्रा"

सतीरीदेवी की पवित्र धारा,
शक्ति और भक्ति का है सहारा।
मंगेश देवस्थान में गूंजे भक्ति का राग,
हर दिल में बसा हो आशीर्वाद का भाग। 🙏✨

देवी के रथ में बसी है शक्ति,
भक्तों में बसी है अपार भक्ति।
आशीर्वाद से हर जीवन हो समृद्ध,
सतीरीदेवी का आशीर्वाद सच्चा हो सिद्ध। 🌸💖

निष्कर्ष
सतीरीदेवी जत्रा गोवा के मंगेश देवस्थान में मनाया जाने वाला एक अद्भुत धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव है। यह उत्सव भक्तों के लिए न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में एकता, प्रेम, और सहयोग को बढ़ावा देने का भी माध्यम है। इस दिन देवी की पूजा और आशीर्वाद से जीवन में सकारात्मकता, शांति और समृद्धि का संचार होता है।

सतीरीदेवी जत्रा के आयोजन से गोवा की धार्मिक आस्थाओं, परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर को सम्मान मिलता है, और यह समाज के हर व्यक्ति को एकजुट करने का अवसर प्रदान करता है। इस जत्रा का हिस्सा बनकर भक्त देवी से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपने जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।

सतीरीदेवी जत्रा की आपको ढेर सारी शुभकामनाएँ! 🌸🙏

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-02.02.2025-रविवार.
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