रामायण में श्री राम का धर्म के प्रति प्रेम - एक सुंदर भक्ति भावपूर्ण हिंदी कविता

Started by Atul Kaviraje, February 06, 2025, 04:28:48 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

रामायण में श्री राम का धर्म के प्रति प्रेम - एक सुंदर भक्ति भावपूर्ण हिंदी कविता-

प्रस्तावना:
रामायण एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें भगवान श्री राम का जीवन और उनके द्वारा निभाए गए धर्म के प्रति समर्पण को प्रस्तुत किया गया है। श्री राम ने जीवन के हर पहलू में धर्म का पालन किया और यही उनके जीवन का आदर्श बना। उनकी कथाएँ, उनके कर्तव्यों के प्रति निष्ठा, और उनका प्रेम हमें धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। इस कविता में हम श्री राम के धर्म के प्रति प्रेम को समझेंगे।

कविता:-

🙏 धर्म का पथ, राम ने अपनाया,
सच्चाई का जो प्रेम से परिपूरित, हर कदम बढ़ाया।
जीवन में हर कर्म किया धर्म के अनुसार,
हर निर्णय लिया, बस यही थी उनकी शौर्य की दरकार।

🌸 धर्म को माना राम ने सर्वोत्तम,
वह न कायर थे, न मृदु, न कुछ भ्रमित थे।
"सत्यमेव जयते" यही उनका था मंत्र,
सच्चाई की राह पर ही मिली उनकी अपार प्रतिष्ठा।

💖 वनवास का आदेश था, पत्नी को छोड़ना पड़ा,
लेकिन धर्म की खातिर, उन्होंने यह कदम बढ़ाया।
रानी सीता से किया वचन पालन,
कभी न किया वह धर्म से भटकने का गमन।

🌿 लक्ष्मण को छोड़ना पड़ा, पिता का आदेश था,
धर्म का पालन ही, राम का सर्वोत्तम आदर्श था।
धर्म का तात्पर्य है सच्चाई और निष्कलंक,
राम के हर निर्णय में था यही स्पष्ट।

🙏 "धर्मो रक्षति रक्षिता" यही राम का था संदेश,
धर्म की रक्षा में किया उन्होंने युद्ध का क़दम।
रावण को हराया, न किया उसे गलत समझाना,
धर्म की रक्षा में राम ने हर कष्ट सहना।

🌸 राम का जीवन सत्य का प्रतीक बना,
धर्म के प्रति उनका प्रेम सबसे ऊँचा था।
रघुकुल नायक, जो सच्चाई का पालन करे,
राम का आदर्श हम सबको धर्म सिखाए।

💫 राम के प्रेम में बसा है धर्म का नाता,
उनका जीवन उदाहरण है सच्चे पथ का रचना।
हर व्यक्ति को वह सिखाते थे सच्चाई का रुख,
धर्म के साथ आगे बढ़ो, यही उनका जीवन का सुख।

कविता का अर्थ:
यह कविता भगवान श्री राम के धर्म के प्रति अडिग प्रेम और समर्पण को व्यक्त करती है। उनके जीवन के हर कदम में धर्म का पालन था, चाहे वह वनवास में पत्नी सीता के साथ रहना हो या पिता के आदेशों का पालन। श्री राम ने अपने जीवन से हमें यह सिखाया कि धर्म का पालन ही जीवन का सर्वोत्तम उद्देश्य है। सत्य और धर्म की राह पर चलना ही जीवन का सच्चा मार्ग है।

विवेचन:
रामायण में भगवान श्री राम का जीवन धर्म के सर्वोत्तम आदर्श का उदाहरण प्रस्तुत करता है। उन्होंने अपना जीवन धर्म के नियमों का पालन करते हुए बिताया, और उनके हर निर्णय में धर्म और सत्य की महत्ता थी। श्री राम ने यह सिद्ध किया कि धर्म की रक्षा करने से ही समाज में सत्य और न्याय का समावेश होता है। राम के कर्तव्यों में ईमानदारी और विश्वास था, जो आज भी हमारे लिए आदर्श है।

निष्कर्ष:
श्री राम के जीवन में धर्म के प्रति प्रेम और निष्ठा हमें यह सिखाती है कि हमें अपने जीवन में सत्य, नैतिकता और कर्तव्य का पालन करना चाहिए। उनके जीवन से यह प्रेरणा मिलती है कि धर्म का पालन करते हुए किसी भी कठिनाई का सामना किया जा सकता है। राम का जीवन हर एक व्यक्ति के लिए एक आदर्श है, जो जीवन के हर क्षेत्र में धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने का प्रेरक है।

स्माइलीज़ और प्रतीक:

🙏💖🌸🌿💫

--अतुल परब
--दिनांक-05.02.2025-बुधवार.
===========================================