श्री विठोबा और संत रामदास का भक्ति पंथ-कविता:-

Started by Atul Kaviraje, February 12, 2025, 07:33:51 PM

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Atul Kaviraje

श्री विठोबा और संत रामदास का भक्ति पंथ-कविता:-

विठोबा के चरणों में बसी, भक्ति की अद्भुत धारा,
संत रामदास ने फैलाया, हर दिल में प्रेम की सवारी।
मन, वचन, और क्रिया से, परमात्मा का हो एक संबंध,
श्री विठोबा के दर्शन से मिली जीवन को सही दिशा। 🕉�💖

रामदास के शब्दों में, बसी थी दिव्य शक्ति,
भक्ति की राह पर चलकर, हर दिल हो जाता है पवित्र।
विठोबा की उपासना में, समर्पण था महान,
संत रामदास ने बताया, प्रेम ही है जीवन का आधार। 🙏🌸

"रामकृष्णहरी" का मंत्र था उनका सर्वोत्तम साथ,
सभी का उद्धार यही था उनका आशीर्वाद।
रामदास ने सिखाया प्रेम से बड़ा कोई रत्न नहीं,
विठोबा के चरणों में खोकर मिला संसार से अद्भुत सुख। 🌿✨

संत रामदास का संदेश, हर दिल में बसा,
विठोबा का पंथ हर कर्म में सच्चाई लाता।
विठोबा और रामदास के भक्ति पंथ में बसी है शांति,
आध्यात्मिक उन्नति की हर राह यही दिखाती। 💫💖

अर्थ:

श्री विठोबा और संत रामदास का भक्ति पंथ भारतीय भक्ति परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। संत रामदास ने विठोबा के चरणों में भक्ति का समर्पण किया और उनका जीवन सच्चे प्रेम, समर्पण और भक्ति का आदर्श था। उन्होंने यह सिखाया कि भक्ति में हर व्यक्ति को एकमात्र प्रेम और भगवान के प्रति समर्पण रखना चाहिए। रामदास के उपदेशों में विठोबा के प्रति भक्ति और प्रेम को सर्वोत्तम बताया गया। यह पंथ न केवल भक्तों को आत्मिक उन्नति का मार्ग दिखाता है, बल्कि समाज में शांति और समरसता भी स्थापित करता है।

चित्र/चिन्ह और इमोजी:
🌸🙏💖🕉�🌿✨

--अतुल परब
--दिनांक-12.02.2025-बुधवार.
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