कविता: कॉन्स्टेंटिन ब्रांकुसी दिवस पर-

Started by Atul Kaviraje, February 20, 2025, 07:19:59 PM

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Atul Kaviraje

कविता: कॉन्स्टेंटिन ब्रांकुसी दिवस पर-

कॉन्स्टेंटिन ब्रांकुसी दिवस पर 🎨

कला का अद्भुत साज, ब्रांकुसी की पहचान,
उसकी मूर्तियों में छिपा, गहराई का ज्ञान। 🗿
सरलता में है सुंदरता, ये उसने बताया,
रूप और आकार में, उसने नया रंग भरा। 🌈

पत्थर और लकड़ी से, बनाईं उसने कलाएँ,
उदात्त विचारों के संग, सबको उसने जगाया। ✨
"सच्ची कला वही है," उसने कहा था एक दिन,
जो दिखाए जीवन का सार, वो है असली जीत। 🏆

चिंतन की गहराइयों में, डूबकर जो रचे,
ब्रांकुसी के हर काम में, प्रेम की रेखाएं खींचे। ❤️
वह प्रेरणा का स्रोत, नई राहें दिखाए,
कला की दुनिया में, उसे सब याद करे। 🌍

आज हम मनाएं, इस महान कलाकार का दिन,
अभिव्यक्ति की अद्भुतता, उसके नाम पर है जश्न। 🎉
कॉन्स्टेंटिन ब्रांकुसी, तेरा शुक्रिया अदा,
तेरी कला की छवि, रहेगी हर दिल में जिंदा। 💫

अर्थ:
यह कविता कॉन्स्टेंटिन ब्रांकुसी दिवस पर इस महान कलाकार की कला, उसकी सोच और उसके योगदान को दर्शाती है। ब्रांकुसी ने कला में सरलता और गहराई को जोड़ा, जिससे वह आज भी प्रेरणादायक बने हुए हैं।

चित्रे और चिन्हे:

🎨 (कला)
🗿 (मूर्तिकला)
🌈 (रंग)
✨ (चमक)
🏆 (जीत)
❤️ (प्रेम)
🌍 (विश्व)
🎉 (उत्सव)
💫 (प्रेरणा)

यह कविता सरल, सीधी और अर्थपूर्ण है, जो कॉन्स्टेंटिन ब्रांकुसी दिवस के महत्व को उजागर करती है।
 
--अतुल परब
--दिनांक-19.02.2025-बुधवार.
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