अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर कविता- कविता: मातृभाषा की महिमा-

Started by Atul Kaviraje, February 21, 2025, 09:41:53 PM

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Atul Kaviraje

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर कविता-

कविता: मातृभाषा की महिमा-

मातृभाषा, जो हमें जोड़े,
संगीत, संस्कृति, हर दिल में बहे। 🎶
हर शब्द में बसी है पहचान,
इसे सहेजें, यही है अरमान। 🌍

बुनती है ये रिश्तों की डोर,
सुनाती है हमें पुरानी यादें, हर एक सौर। 🧵
इसकी मिठास में छुपा है प्यार,
भाषा हमारी, है सबसे खास यार। ❤️

आओ मिलकर मनाएं हम,
हर भाषा का करें सम्मान,
एकता में है सबकी शक्ति,
मातृभाषा से ही है अपनी धड़कन। 🤝

संक्षिप्त अर्थ: यह कविता मातृभाषा के महत्व को दर्शाती है, जिसमें यह बताया गया है कि मातृभाषा न केवल हमारी पहचान है, बल्कि यह हमारे रिश्तों और संस्कृति को जोड़ने का माध्यम भी है। इसे संरक्षित करना और इसका सम्मान करना आवश्यक है।

चित्र और प्रतीक:

🌍 (विश्व) - सभी भाषाओं का सम्मान
🎶 (संगीत) - भाषा की मधुरता
❤️ (प्यार) - मातृभाषा का प्यार
🤝 (हाथ मिलाना) - एकता और सहयोग

यह कविता सरल तुकबंदी में है और इसे बच्चों के लिए भी आसानी से समझा जा सकता है।

--अतुल परब
--दिनांक-21.02.2025-शुक्रवार.
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