27 फरवरी 2025 - मराठी भाषा गौरव दिवस-

Started by Atul Kaviraje, February 28, 2025, 05:03:19 PM

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Atul Kaviraje

मराठी भाषा गौरव दिवस-

27 फरवरी 2025 - मराठी भाषा गौरव दिवस-

महत्व और विवेचन:

मराठी भाषा गौरव दिवस 27 फरवरी को मनाया जाता है, जो मराठी भाषा और संस्कृति के महत्व को समझाने और उसे संरक्षित रखने का एक विशेष दिन है। यह दिन हर साल 27 फरवरी को मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन महाराष्ट्र के प्रसिद्ध कवि और लेखक द. मा. मिरासदार का जन्म हुआ था। वह मराठी साहित्य में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं और उनकी लेखनी ने मराठी भाषा को एक नया आयाम दिया। इस दिन का आयोजन मराठी भाषा और साहित्य के प्रति लोगों के प्रेम और सम्मान को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।

मराठी भाषा गौरव दिवस के आयोजन से न केवल मराठी साहित्य के प्रति सम्मान बढ़ता है, बल्कि यह दिन महाराष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर को भी संजीवनी प्रदान करता है। इस दिन मराठी भाषा की समृद्धि, इसके अद्वितीय साहित्य, कला और संस्कृति को बढ़ावा दिया जाता है। यह दिवस हमें यह भी याद दिलाता है कि हम अपनी मातृभाषा को सहेजें और इसे आने वाली पीढ़ी तक पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ पहुंचाएं।

मराठी भाषा का महत्व:

साहित्यिक धरोहर: मराठी भाषा का समृद्ध साहित्य है, जिसमें कविता, नाटक, कथा साहित्य, और लेखन की विविध शैलियाँ शामिल हैं। मराठी साहित्य में विश्व प्रसिद्ध लेखकों जैसे कि पं. नेहरू, पु. ल. देशपांडे, शं. ना. नवरे, और व. पु. काळे का योगदान बहुत महत्वपूर्ण रहा है।
सांस्कृतिक पहचान: मराठी भाषा न केवल एक संचार का साधन है, बल्कि यह महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान भी है। मराठी भाषा के माध्यम से ही महाराष्ट्र की विविधता और विविध संस्कृति को सामने लाया गया है।
लोकगीत और लोककला: मराठी लोकगीत, नाटक और कला विशेष रूप से शास्त्रीय संगीत और नृत्य में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। यह भाषा जीवन की हर छोटी-बड़ी घटना में समाहित होती है, चाहे वह विवाह हो, त्योहार हो या अन्य सामाजिक कार्य।
भक्ति साहित्य: मराठी में भक्ति साहित्य की भी एक लंबी परंपरा है। संत तुकाराम, संत ज्ञानेश्वर और संत रामदास जैसे संतों ने मराठी में भक्ति साहित्य की रचनाएं कीं, जो आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई हैं।

उदाहरण:

महाराष्ट्र के महान संत, कवि और समाज सुधारक संत तुकाराम का साहित्य मराठी भाषा के भक्ति साहित्य का अहम हिस्सा है। उनके अभंग आज भी महाराष्ट्र के प्रत्येक कोने में गाए जाते हैं। उनके अभंगों में जीवन के सरल सत्य और ईश्वर के प्रति प्रेम को अभिव्यक्त किया गया है। इसी तरह से अन्य संतों और कवियों ने भी मराठी साहित्य को समृद्ध किया।

मराठी भाषा गौरव दिवस पर कविता:-

पद 1:
मराठी भाषा, तुजाही सलाम,
तुझ्यामुळेच उगवला एक नवा ध्वनी रमाम। 🎉📖
तुझ्या शब्दांत आहे ताकद, हिम्मत आणि विश्वास,
तुझ्या गोड आवाजात आहे संस्कृतीचा थोडासा प्रकाश! ✨🌸

अर्थ:
मराठी भाषा में शक्ति, साहस और विश्वास है। इसके शब्दों में संस्कृति का दीप जलता है।

पद 2:
साहित्याची सोबत घेऊन तु चालतेस,
उद्याच्या पिढीसाठी तु खूप काही दिलेस। 📚💪
तुझ्या लेखनाने ओतले विचारांचे सागर,
तुच तर आहेस हृदयाचा सन्मान आणि साहसाचा झंकार! 💖🌊

अर्थ:
मराठी भाषा साहित्य और विचारों से भरी हुई है। इसने नई पीढ़ी को महान विचार दिए हैं, और यह दिल से सम्मान और साहस का प्रतीक है।

पद 3:
भक्ति साहित्याचं ध्वज उंच राखा,
तुच त्या संतांचा आवाज बन, त्यांना अभिमान लाव! 🎶🙏
समाजात शांती येईल, तुझ्या शब्दांनी होईल गगन,
मराठी भाषेचा गौरव वाढव, तुच तर आहेस हर्षाचा रण! ✨🎤

अर्थ:
मराठी भाषा समाज में शांति और संतों के शब्दों को हर जगह फैलाने का काम करती है। यह भाषा हर्ष और गौरव का प्रतीक है।

सारांश: मराठी भाषा गौरव दिवस का आयोजन मराठी साहित्य और संस्कृति के प्रति सम्मान व्यक्त करने का महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन हमें मराठी भाषा की शक्ति, सुंदरता और महत्व को याद दिलाता है। इसके माध्यम से हम अपनी संस्कृति और इतिहास को संजोते हुए आने वाली पीढ़ी को सिखा सकते हैं कि मातृभाषा का सम्मान करना कितना आवश्यक है।

सिंबॉल्स और इमोजी: 🎉📖🎤✨💖📚🌸

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-27.02.2025-गुरुवार.
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