प्रकृति का संतुलन एवं हवामान परिवर्तन पर हिंदी कविता-

Started by Atul Kaviraje, February 28, 2025, 05:07:42 PM

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Atul Kaviraje

प्रकृति का संतुलन एवं हवामान परिवर्तन पर हिंदी कविता-

पद 1:
प्रकृति का संतुलन हो, यह हम सबका है काम,
हर पेड़, हर पत्ते का, सबका है अपना प्रणाम। 🌳🌱
धरती से हवा तक, जीवन का यह अद्भुत जाल,
बचाए रखें इसे, ताकि रहे जीवन निरंतर हलचल से बाल। 🌍💨

अर्थ:
प्रकृति का संतुलन हम सभी की जिम्मेदारी है। प्रत्येक पेड़ और पौधे का महत्वपूर्ण स्थान है। यह संतुलन हमारे जीवन के लिए आवश्यक है, ताकि धरती और जीवन में समृद्धि बनी रहे।

पद 2:
हवामान परिवर्तन, एक गहरी चुनौती है,
यह संकट लाता है, जब न हम समझें इसकी सच्चाई। 🌡�⚠️
गर्मियों की लहरें बढ़ी हैं अब हर ओर,
बर्फ भी पिघलने लगी, और सूखा हो रहा है घर का आँगन। ❄️🔥

अर्थ:
हवामान परिवर्तन हमारे सामने एक गंभीर समस्या बन गई है। गर्मियों का प्रकोप बढ़ रहा है, बर्फ पिघल रही है और जलवायु परिवर्तन के कारण सूखा बढ़ रहा है। यह संकट हमें गंभीरता से समझने की आवश्यकता है।

पद 3:
वृक्षारोपण से ही हम, संतुलन को फिर से पा सकते हैं,
जल, जंगल और भूमि को बचाकर भविष्य संवार सकते हैं। 🌳💧🌍
हवा को शुद्ध रखने की है सच्ची चाहत,
हम सभी मिलकर करें, प्रकृति की रक्षा का प्रतिज्ञा। 🤝🌱

अर्थ:
वृक्षारोपण से हम प्राकृतिक संतुलन को पुनः प्राप्त कर सकते हैं। जल, जंगल और भूमि का संरक्षण करके हम भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं। हमें मिलकर प्रकृति की रक्षा करने का संकल्प लेना चाहिए।

पद 4:
प्राकृतिक संसाधन न हो कम, यह हो हमारी कोशिश,
नदियों में बढ़े जल, हो हरी-भरी हर वादी की सृष्टि। 🌊🌳
वायु शुद्ध हो, वर्षा हो ठीक समय पर,
प्राकृतिक संतुलन बने, जीवन मिले हर किसी को भरपूर। 🌧�🌦�

अर्थ:
प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और सही उपयोग हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। जल, हवा, वर्षा और हरित भूमि का संतुलन बना रहना चाहिए, ताकि सभी को जीवन की समृद्धि मिल सके।

पद 5:
हवामान परिवर्तन, खतरे का संकेत है,
अगर नहीं बदला, तो प्रकृति का संघर्ष बढ़ेगा। ⚡🔥
हम सभी का है कर्तव्य, इसे सुधारने का प्रयास,
प्रकृति के साथ जुड़कर, जीवन को करें विशेष और प्रसन्नमय। 🌿🌞

अर्थ:
हवामान परिवर्तन एक चेतावनी है, और अगर हम इसे ठीक से समझकर कदम नहीं उठाते, तो यह खतरे को और बढ़ा सकता है। हम सभी को इस पर काम करने का जिम्मा उठाना चाहिए, ताकि जीवन को सुरक्षित और खुशहाल बनाया जा सके।

सारांश:
प्रकृति का संतुलन हमारे जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हवामान परिवर्तन के प्रभावों को देखते हुए हमें जल, जंगल, भूमि और हवा की सुरक्षा करनी चाहिए। वृक्षारोपण, जल संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग हमारे कर्तव्य में आता है। हमें यह समझना चाहिए कि यदि हम प्रकृति की रक्षा करेंगे, तो हमारा जीवन भी सुखमय और समृद्ध रहेगा। यह कविता हमें प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी का अहसास कराती है और हमें जागरूक करती है कि हमें हवामान परिवर्तन के संकट से बचने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

सिंबॉल्स और इमोजी:
🌍🌱🌳💧⚡🔥🌦�🌞🌿

--अतुल परब
--दिनांक-27.02.2025-गुरुवार.
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