राष्ट्रीय कामकाजी मातृ दिवस पर एक कविता-

Started by Atul Kaviraje, March 13, 2025, 04:56:35 PM

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Atul Kaviraje

राष्ट्रीय कामकाजी मातृ दिवस पर एक कविता-

पहला चरण:
माँ है वो जो करती है सब काम,
घर और ऑफिस दोनों में निभाती है धाम।
संघर्ष करती है, फिर भी मुस्काती है,
हर कर्तव्य को निभाती है, कभी नहीं थकती है।

अर्थ:
माँ हर भूमिका में सफलता से कार्य करती है। वह घर और ऑफिस दोनों में अपने कर्तव्यों को पूरा करती है और कभी थकती नहीं है।

दूसरा चरण:
वह अपने बच्चों के लिए बनती है शक्ति,
कामकाजी माँ का है अद्भुत परिश्रम।
संघर्षों को अपनी मुस्कान से हराती है,
खुशियाँ और संतुलन हर दिन बनाती है।

अर्थ:
कामकाजी माँ अपने बच्चों के लिए प्रेरणा स्रोत होती है। वह संघर्षों को अपनी मुस्कान से पार करती है और हर दिन संतुलन बनाए रखती है।

तीसरा चरण:
माँ के बिना दुनिया अधूरी सी लगती है,
कामकाजी माँ हर रोज नई उम्मीदों के साथ उठती है।
रातों को नींद से दूर करके काम करती है,
सपनों को पूरा करने का दम भरती है।

अर्थ:
माँ के बिना हमारा जीवन अधूरा है। कामकाजी माँ हर दिन नई उम्मीदों के साथ उठती है और अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करती है।

चौथा चरण:
माँ का प्यार है दुनिया से अनमोल,
अपने कर्तव्यों में वह न कभी रुकती है, न थमती है।
कामकाजी माँ है हमारी प्रेरणा,
हमारी हर कठिनाई में वह है समाधान।

अर्थ:
माँ का प्यार बहुत कीमती होता है। वह अपने कर्तव्यों में कभी रुकती नहीं है और कामकाजी माँ हमारी प्रेरणा बनती है, जो हमें हर कठिनाई में समाधान दिखाती है।

समारोप:
कामकाजी माताओं को है हमारा नमन,
उनकी मेहनत और समर्पण को हम करें सम्मान।
हर दिन वह करती हैं समाज की सेवा,
हम उनके कदमों पर रखें हमेशा श्रद्धा।

अर्थ:
हम कामकाजी माताओं का सम्मान करते हैं और उनके समर्पण को सलाम करते हैं। उनकी मेहनत और संघर्ष हमें हर दिन प्रेरणा देते हैं।

चित्र और इमोजी:
💪👩�👧�👦🌸🌟🧑�💼❤️

--अतुल परब
--दिनांक-12.03.2025-बुधवार.
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