संकष्ट चतुर्थी - 17 मार्च 2025-

Started by Atul Kaviraje, March 18, 2025, 07:33:29 PM

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Atul Kaviraje

संकष्ट चतुर्थी - 17 मार्च 2025-

संकष्ट चतुर्थी का महत्व और हिंदी लेख-

संकष्ट चतुर्थी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जो प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। संकष्ट चतुर्थी का व्रत विशेष रूप से उन भक्तों के लिए होता है जो जीवन में किसी भी प्रकार की समस्याओं, संकटों और परेशानियों का सामना कर रहे होते हैं। इस दिन व्रति गणेश जी की उपासना करते हैं, ताकि वे अपने जीवन से सारे संकट दूर कर सकें और सुख-शांति प्राप्त कर सकें।

संकष्ट चतुर्थी का महत्व:
संकष्ट चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा और भक्ति को बढ़ाने का एक उत्तम अवसर है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जिनके जीवन में कोई संकट या परेशानियां हैं। कहा जाता है कि इस दिन भगवान गणेश की उपासना करने से मानसिक शांति मिलती है और जीवन में आने वाली समस्याओं का निवारण होता है।

भगवान गणेश की पूजा से सभी प्रकार के विघ्नों का नाश होता है। गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है, जो सभी प्रकार के बाधाओं और संकटों को दूर करते हैं। इस दिन व्रति का संकल्प लेकर भक्त पूरी श्रद्धा से गणेश जी की पूजा करते हैं।

व्रति करने से मिलता है आशीर्वाद: संकष्ट चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश के आशीर्वाद से सभी दुखों का नाश करता है और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। व्रति करने से जीवन की कठिनाइयों का समाधान होता है और सुख-शांति का अनुभव होता है।

संकष्ट चतुर्थी के दिन की पूजा विधि:
उठते ही स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
गणेश जी का चित्र या मूर्ति स्थापित करें और उस पर दीपक लगाएं।
गणेश चालीसा, गणेश स्तोत्र या श्री गणेश अर्चना का पाठ करें।
गणेश जी को मोदक, दूर्वा, फूल और ताजे फल अर्पित करें।
व्रति उपवास रखें और दिनभर भगवान गणेश के नाम का जाप करें।
शाम को गणेश जी की आरती करें और संकष्टों से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।

संकष्ट चतुर्थी का व्रत और लाभ:
संकष्ट चतुर्थी का व्रत बहुत ही फलदायक होता है। इसे करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है बल्कि जीवन में आने वाली सभी समस्याओं का निवारण भी होता है। यह व्रत कठिन परिस्थितियों में भी व्यक्ति को धैर्य और साहस प्रदान करता है। साथ ही, यह व्रत घर में सुख, समृद्धि और शांति बनाए रखने का एक उत्तम उपाय माना जाता है।

लघु कविता:-

🙏 संकष्ट चतुर्थी का व्रत है पवित्र,
🌺 गणेश पूजा से जीवन हो जाता है उत्तम।
🕉� संकटों को दूर करने वाला है ये पर्व,
🌸 हर मनुष्य को मिलता है इसका लाभ सत्वर।

🎶 संकष्ट चतुर्थी पर भगवान गणेश का ध्यान,
💖 जन्मों के पाप भी होते हैं नष्ट समान।
🌟 सभी दुखों से मिलता है सदा की राहत,
🌼 गणेश की कृपा से होती है जीवन में राहत।

संकष्ट चतुर्थी का महत्व संक्षेप में:
संकष्ट चतुर्थी का व्रत विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा से संबंधित है, जो जीवन के सभी संकटों को दूर करने वाले माने जाते हैं। यह दिन विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण है, जो जीवन में किसी न किसी संकट से जूझ रहे होते हैं। इस दिन भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करने से मानसिक शांति मिलती है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं।

संकष्ट चतुर्थी का व्रत विशेष रूप से उन भक्तों के लिए होता है जो भगवान गणेश से आशीर्वाद प्राप्त करके अपनी सभी समस्याओं का समाधान चाहते हैं। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का आगमन होता है।

चित्र, प्रतीक और इमोजी:

🕉� भगवान गणेश का चित्र – गणेश की पूजा का प्रतीक।
🌸 गणेश की पूजा में फूल – श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक।
🙏 व्रति का संकल्प – व्रत के संकल्प को दर्शाता हुआ प्रतीक।
🎶 गणेश चालीसा और भजन – गणेश की पूजा से जुड़े मंत्र।
🕯� दीपक और आरती – पूजा की विधि का प्रतीक।
🌼 संकल्प की शक्ति – जीवन के बदलाव और सुधार का प्रतीक।

समारोप:

संकष्ट चतुर्थी भगवान गणेश के प्रति भक्ति और श्रद्धा व्यक्त करने का एक सुंदर अवसर है। इस दिन गणेश जी की पूजा करने से सभी संकट दूर होते हैं और जीवन में समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है। व्रति करने से मानसिक शांति मिलती है और सभी परेशानियों का समाधान होता है। इस दिन को पूरी श्रद्धा और विश्वास से मनाएं और गणेश जी से आशीर्वाद प्राप्त करें। 🌸🙏🕉�

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-17.03.2025-सोमवार.
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