जमशेदी नवरोज़-

Started by Atul Kaviraje, March 23, 2025, 08:39:00 PM

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Atul Kaviraje

जमशेदी नवरोज़-

जमशेदी नवरोज़: एक विशेष दिन का महत्त्व 🌸

नवरोज़, जिसे हम "जमशेदी नवरोज़" के नाम से भी जानते हैं, पारसी समुदाय का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह दिन, पारसी नववर्ष के रूप में मनाया जाता है और इसके साथ ही हम एक नए साल की शुरुआत का स्वागत करते हैं। नवरोज़ का पर्व भारतीय उपमहाद्वीप में विभिन्न क्षेत्रों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, विशेषकर महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर भारत में। इस दिन का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व बहुत ही गहरा है।

नवरोज़ का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व:
नवरोज़ का शाब्दिक अर्थ है "नव वर्ष" और यह पारसी धर्म के अनुसार नए वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। पारसी समुदाय के लोग इसे दिनभर पूजा-अर्चना, घर की सफाई, अच्छे भोजन, मिठाई और नए कपड़े पहनकर मनाते हैं। यह दिन एक नए आशा और नयापन के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इस दिन विशेष रूप से आग (अग्नि) की पूजा की जाती है, जो पारसी धर्म में पवित्र मानी जाती है।

नवरोज़ के दिन पारसी समुदाय, बुराई पर अच्छाई की विजय, जीवन में समृद्धि और सुख-शांति की कामना करते हुए एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं। यह पर्व एकता, भाईचारे और धर्म के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है।

नवरोज़ का सांस्कृतिक महत्त्व:
सिर्फ धार्मिक ही नहीं, नवरोज़ का सांस्कृतिक महत्त्व भी बहुत ज्यादा है। इस दिन पारसी लोग अपने घरों को सजाते हैं, अच्छे कपड़े पहनते हैं, और नये समृद्धि की कामना करते हुए पूजा करते हैं। यह दिन पारसी परिवारों के बीच प्रेम, स्नेह और आपसी संबंधों को और प्रगाढ़ करता है। नवरोज़ के दौरान पारसी लोग एक-दूसरे को मिठाइयाँ और शुभकामनाएँ देते हैं, जिससे समाज में सौहार्द और समृद्धि का वातावरण बनता है।

बधाई संदेश और शुभकामनाएँ 🎉:
नवरोज़ के दिन सभी पारसी समुदाय के लोग एक-दूसरे को "नवरोज़ मुबारक" कहकर शुभकामनाएँ देते हैं। यह एक बहुत ही खूबसूरत रिवाज है जो एकता और प्रेम का प्रतीक है।

"नया साल आपका हो खुशहाल, नव वर्ष की खुशियाँ हों ढेर सारी। रहें आप स्वस्थ, सुखी और समृद्ध, नवरोज़ मुबारक हो आपको सदा प्यार से।"

नवरोज़ की विशेषता - घरों की सफाई और सजावट 🏠✨:
नवरोज़ के दिन घरों की सफाई और सजावट का विशेष महत्व है। पारसी परिवार इस दिन अपने घरों को अच्छे से साफ करते हैं और रंग-बिरंगे फूलों से सजाते हैं। यह नयापन और ताजगी का प्रतीक है। साथ ही, इस दिन लोग अपने घरों में नये सामान रखते हैं, जो उनकी समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है।

नवरोज़ और भक्ति भाव 🕊�:
नवरोज़ का पर्व सिर्फ एक त्यौहार नहीं है, बल्कि यह भक्ति भाव और आस्था का भी प्रतीक है। इस दिन पारसी लोग अपने इष्ट देवता की पूजा करके जीवन में खुशहाली, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। पारसी समाज में यह दिन, जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरणा देता है।

छोटी कविता 🌼:-

नए साल की बधाई हो,
खुशियों की रौशनी हो।
पारसी समाज के संग,
नव वर्ष सजा हो।

आओ, सब मिलकर साथ चलें,
समृद्धि की ओर बढ़ें।
नवरोज़ की नयी सुबह में,
सपने नए सच हो।

निष्कर्ष: नवरोज़ एक ऐसा पर्व है जो केवल पारसी समाज तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में एकता और भाईचारे का प्रतीक बनकर हर किसी को खुशियाँ और समृद्धि की ओर अग्रसर करता है। यह दिन हमें यह सिखाता है कि हमें जीवन में हर दिन एक नए अवसर के रूप में देखना चाहिए, और पुराने दुखों को छोड़कर नया स्वागत करना चाहिए। हम सब इस दिन का स्वागत करते हैं और एक खुशहाल, समृद्ध और सकारात्मक भविष्य की कामना करते हैं। ✨🌟

नवरोज़ मुबारक! 🎉

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-21.03.2025-शुक्रवार.
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