जमशेदी नवरोज़ - एक भक्ति भावपूर्ण कविता 🌸🙏-

Started by Atul Kaviraje, March 23, 2025, 08:44:36 PM

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Atul Kaviraje

जमशेदी नवरोज़ - एक भक्ति भावपूर्ण कविता 🌸🙏-

चरण 1:
जमशेदी नवरोज़ आया है, रंग-बिरंगी सुबह लाया है,
दुआओं में हर दिल समाया है, सुख-शांति का यह पर्व लाया है। 🌅💖
(अर्थ: जमशेदी नवरोज़ का पर्व आ चुका है, एक नई सुबह और खुशियाँ लेकर आया है, सभी दिलों में शुभकामनाएँ समाई हुई हैं।)

चरण 2:
खुशहाली की है आशीर्वाद, बढ़े सबकी हर एक बात,
सफलता की हो शुरूआत, जीवन हो मधुर-सी सौगात। 🌟🎁
(अर्थ: इस दिन की विशेष आशीर्वाद से हर कोई खुशहाल हो, जीवन में सफलता की शुरुआत हो, और हर दिन एक उपहार जैसा हो।)

चरण 3:
नई उम्मीदें, नई राहें, बढ़े कदम हर दिशा में,
सपने साकार हों इस दिन, खुशियों से भरे हर पथ में। 🌈✨
(अर्थ: नए सपनों और आशाओं के साथ जीवन के हर रास्ते में सफलता और खुशी का आना चाहिए।)

चरण 4:
जमशेदी नवरोज़ की है यह पर्व खुशियों की धारा,
हर दिल में बसी हो सच्ची प्रीति, हर घर में हो उजियारा। 🕯�💫
(अर्थ: यह पर्व खुशियों और प्रेम से भरी हुई है, हर घर में रोशनी और प्यार का आगमन हो।)

चरण 5:
संग हो सभी का सच्चा प्यार, दुआओं से बसी हो जिंदगी,
हर मुश्किल हो हो जाए आसान, बढ़े न कोई बाधा कभी। ❤️🕊�
(अर्थ: इस दिन हर दिल में सच्चा प्यार हो, और जीवन की सभी मुश्किलें सरल हो जाएं।)

चरण 6:
नवरोज़ की ये नसीहत, हर दिल में प्रेम को सजाए,
सभी रिश्तों में हो मिठास, हर दिल को सुकून पहुँचाए। 💖🌸
(अर्थ: यह पर्व हमें यह सिखाता है कि हम सभी रिश्तों में प्रेम और मिठास भरें और हर दिल को शांति दें।)

चरण 7:
आओ, नवा साल मनाएं, प्यार और दुआ से सजाएं,
सभी को समृद्धि मिले, जीवन में खुशियाँ समाएं। 🌿🎉
(अर्थ: हम सब मिलकर नए साल का स्वागत करें और प्यार और दुआ के साथ हर किसी के जीवन में समृद्धि और खुशियाँ लाएं।)

संक्षिप्त अर्थ:
यह कविता जमशेदी नवरोज़ के अवसर पर लिखी गई है, जो एक खुशियाँ और समृद्धि का पर्व है। हर चरण में यह कविता इस पर्व के महत्व को उजागर करती है और यह संदेश देती है कि हमें इस दिन को प्रेम, दुआ, सफलता, और अच्छाई से भरपूर बनाना चाहिए। इसे मनाते हुए हमें अपने रिश्तों को सहेजने और अपने जीवन में सकारात्मकता को लाने का प्रयास करना चाहिए।

तस्वीरें और इमोजी:
🌸🌅💖✨🌈🕯�💫❤️🌿🎉

जमशेदी नवरोज़ का पर्व हमें एक नई शुरुआत का संदेश देता है, जिससे हम अपने जीवन को खुशियों और प्रेम से भर सकते हैं।

--अतुल परब
--दिनांक-21.03.2025-शुक्रवार.
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