क्रांतिकारी वीर भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का शहादत दिवस - हिंदी कविता-

Started by Atul Kaviraje, March 24, 2025, 04:49:26 PM

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Atul Kaviraje

क्रांतिकारी वीर भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का शहादत दिवस - हिंदी कविता-

प्रस्तावना: 23 मार्च भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान योद्धाओं - भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का शहादत दिवस है। इन वीरों ने अपनी जान को देश के लिए कुर्बान कर दिया और हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत बने। उनकी शहादत हमें याद दिलाती है कि स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए बलिदान आवश्यक था। इस कविता के माध्यम से हम इन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

कविता:-

पहला चरण:

मिट्टी से उठे थे वे, थे जो हमारे वीर,
भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव थे जिनके सफर की तस्वीर।
देश को आज़ादी दिलाने का था सपना,
शहादत में समाया उनका हर एक कहना। 🇮🇳

अर्थ:
यह चरण वीर क्रांतिकारियों के बलिदान को सलाम करता है। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने अपनी जान देश के लिए दी और उनका सपना था कि भारत स्वतंत्र हो। उनका समर्पण हम सभी को प्रेरित करता है।

दूसरा चरण:

हंसते-हंसते लड़ा था यह संघर्ष,
विरोधियों से उनका था गहरा संघर्ष।
झूला फांसी का, लेकिन न हुआ डर,
देशवासियों के लिए उनकी आवाज़ की गूंज थी एक मिसाल। ⚔️

अर्थ:
यह चरण उनकी साहसिकता और संघर्ष को दर्शाता है। इन वीरों ने न केवल बाहरी दुश्मनों से बल्कि मानसिक और शारीरिक कठिनाइयों का भी सामना किया। फांसी के तख्ते पर जाते हुए भी इनका हौसला कमजोर नहीं पड़ा। उनकी आवाज़ और संघर्ष आज भी हमारे दिलों में गूंजती है।

तीसरा चरण:

नफ़रत की दीवार को तोड़ा था जो इनोंने,
हमारी स्वतंत्रता की क़ीमत बताई थी इनोंने।
आज भी हर शहीद की तरह हम याद करते हैं,
उनकी दी हुई शहादत को मन में संजोते हैं। 🕊�

अर्थ:
यह चरण उनके बलिदान की क़ीमत और उनकी शहादत को याद करने का है। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने नफ़रत की दीवारों को तोड़ते हुए हम सभी को स्वतंत्रता का मतलब समझाया। उनका बलिदान हमेशा हमारे दिलों में रहेगा।

चौथा चरण:

देशवासियों का हर दिल आज रोता है,
शहादत का मोल क्या होता है, हर कोई जानता है।
हम सबको इनसे मिला है एक संकल्प,
कि इनकी राह पर चलें, यही हो हमारा ध्येय और लक्ष्य। 🙏

अर्थ:
यह चरण उनके योगदान को समझने और उनका सम्मान करने का है। आज भी हम उनके बलिदान को याद करते हैं और संकल्प लेते हैं कि उनके दिखाए रास्ते पर चलकर हम अपने देश को आगे बढ़ाएंगे।

लघु कविता:

भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव तीन,
देश के लिए दिया था अपना प्राण।
सपना था इनका, हिंदुस्तान हो आज़ाद,
इन्हीं के कारण मिली हमें स्वाधीनता का ख्वाब। 🇮🇳

कविता का अर्थ:
यह लघु कविता इन महान शहीदों के बलिदान को सार्थक करती है। इन तीनों की वजह से हम आज़ाद हैं और उनका सपना अब हमारी ज़िंदगी का हिस्सा बन चुका है।

सिंबल्स और इमोजी:

🇮🇳 आजादी का पर्व, शहादत का संगम।
⚔️ लड़ा था हर क्रांतिकारी, जिनका था मजबूत इरादा।
🕊� शहीदों का बलिदान, हमें देता है एक प्रेरणा।
🙏 इनकी याद में हम हर पल अर्पित करें श्रद्धांजलि।

निष्कर्ष:

भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत ने हमें यह सिखाया कि स्वतंत्रता पाने के लिए क़ीमत चुकानी पड़ती है, और उनके संघर्ष ने ही हमें आज़ादी दिलाई। उनकी याद में हम न केवल उनके बलिदान को सम्मानित करते हैं, बल्कि हम यह भी संकल्प लेते हैं कि हम देश की सेवा में अपने कर्तव्यों को निभाएंगे। इन वीरों का बलिदान हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेगा।

जय हिंद!

--अतुल परब
--दिनांक-23.03.2025-रविवार.
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