पापों की क्षमा का दिन, स्मार्त एकादशी – भक्ति भावना से भरी कविता-

Started by Atul Kaviraje, March 26, 2025, 08:02:43 PM

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Atul Kaviraje

पापों की क्षमा का दिन, स्मार्त एकादशी –  भक्ति भावना से भरी कविता-

चरण 1:
स्मार्त एकादशी का पावन दिन आया,
पापों का नाश, हर दिल में समाया।
शुद्ध हो जाए हर एक मन का ताप,
सच्चे भाव से मिले ईश्वर का आशीर्वाद।

अर्थ: इस चरण में हम समझते हैं कि स्मार्त एकादशी का दिन पापों से मुक्ति और आत्मा के शुद्ध होने का अवसर है। यह दिन दिल से ईश्वर की पूजा करने और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का है।

चरण 2:
तप, तपस्या और भक्ति की बारी,
सच्चे मन से श्रद्धा और निष्ठा हमारी।
ईश्वर के चरणों में समर्पित हो जाएं,
हमारे पापों का सभी असर मिट जाएं।

अर्थ: इस चरण में भक्त अपनी तपस्या और भक्ति के महत्व को समझता है। वह अपने पापों से मुक्त होने के लिए पूरी श्रद्धा और निष्ठा से ईश्वर के चरणों में समर्पित होता है।

चरण 3:
अन्न का त्याग और मन की शुद्धि,
स्मार्त एकादशी में होती है उन्नति।
व्रत और उपवासी रहकर, हम साधना करें,
ईश्वर के प्रति प्रेम में हम हर पल समर्पित रहें।

अर्थ: इस चरण में व्रत, उपवास और साधना के माध्यम से आत्मा की उन्नति और शुद्धता का मार्ग बताया गया है। ईश्वर की भक्ति में मन और तन दोनों की शुद्धता आवश्यक है।

चरण 4:
पापों का बोझ उतर जाए इस दिन,
ईश्वर की महिमा में बहे सबके मन।
सच्चे प्रेम से वचन लें हम,
हमेशा सत्य और धर्म पर चलें हम।

अर्थ: इस चरण में हम पापों से मुक्ति के साथ-साथ सत्य और धर्म की राह पर चलने का संकल्प लेते हैं। हम अपने जीवन में सच्चे प्रेम और ईश्वर के आशीर्वाद के साथ हर कदम बढ़ाते हैं।

चरण 5:
श्रद्धा का दीप जलाएं हम सभी,
ईश्वर के प्रति प्रीति हमारी कभी न हो घटी।
शुभ कामनाओं से भर जाए हमारा हर दिन,
स्मार्त एकादशी की हो सच्ची निष्ठा की जीत।

अर्थ: इस चरण में हम ईश्वर के प्रति श्रद्धा और प्रेम के दीप जलाते हैं। हमें अपने जीवन को निस्वार्थ प्रेम और ईश्वर के आशीर्वाद से भरने की आवश्यकता है।

चरण 6:
स्मार्त एकादशी से करें हम बदलाव,
धार्मिकता और भक्ति से सजी हों हमारी राह।
दीन-दुनिया से परे एक परमात्मा का ध्यान,
सभी पापों से मिले मुक्ति का ज्ञान।

अर्थ: इस चरण में हम स्मार्त एकादशी के दिन जीवन में सुधार और भक्ति का बदलाव लाने का संकल्प लेते हैं। परमात्मा के ध्यान में अपनी राह और जीवन को जोड़ते हैं।

चरण 7:
स्मार्त एकादशी का है पवित्र पर्व,
पापों से मुक्ति, भक्ति का यह है संकल्प।
मन और तन शुद्ध करें हम इस दिन,
ईश्वर के प्रेम से हर दिल होगा विनम्र और स्थिर।

अर्थ: इस चरण में हम स्मार्त एकादशी के दिन पापों से मुक्ति और भक्ति के संकल्प को पूरा करने का संकल्प लेते हैं। यह दिन हमें शुद्धता, प्रेम, और विनम्रता की ओर अग्रसर करता है।

कविता का संक्षिप्त अर्थ:
यह कविता स्मार्त एकादशी के महत्व को दर्शाती है। इस दिन हम अपने पापों से मुक्ति और भक्ति की शक्ति प्राप्त करने के लिए ईश्वर के चरणों में समर्पित होते हैं। व्रत, उपवास, और साधना के माध्यम से हम आत्मा की शुद्धता प्राप्त करते हैं और सत्य, धर्म और भक्ति के मार्ग पर चलते हैं। यह दिन हमारे जीवन में परिवर्तन और सुधार लाने का दिन होता है।

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संक्षेप में:
स्मार्त एकादशी पापों से मुक्ति और आत्मा की शुद्धि का दिन है। इस दिन की भक्ति, उपवास और साधना हमें अपने जीवन को बेहतर बनाने और ईश्वर के प्रति श्रद्धा प्रकट करने का अवसर देती है। यह दिन जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने और सत्य, धर्म और भक्ति के मार्ग पर चलने का है।

--अतुल परब
--दिनांक-25.03.2025-मंगळवार.
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