विभिन्न धर्मों का सहिष्णुता-

Started by Atul Kaviraje, April 01, 2025, 07:50:24 PM

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Atul Kaviraje

विभिन्न धर्मों का सहिष्णुता-

विभिन्न धर्मों का सहिष्णुता न केवल सामाजिक समरसता की कुंजी है, बल्कि यह हर समाज की बुनियादी आवश्यकता भी है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग धर्मों के अनुयायी रहते हैं, और यह बहुत आवश्यक है कि हम सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान और सहिष्णुता का भाव रखें। धर्मों का सहिष्णुता एक सशक्त समाज की पहचान है, जो विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विविधताओं को स्वीकार करता है और उनका सम्मान करता है।

धर्मों का सहिष्णुता का महत्व
सामाजिक समरसता और शांति: विभिन्न धर्मों का सहिष्णुता समाज में शांति और सौहार्द बढ़ाने में मदद करती है। जब लोग एक-दूसरे के धर्मों को समझते और सम्मान करते हैं, तो आपसी मतभेदों को सुलझाने में आसानी होती है, जिससे समाज में शांति और सामंजस्य बना रहता है।

धार्मिक विविधता का सम्मान: हम सभी के पास अपना धर्म और विश्वास प्रणाली होती है। धर्मों का सहिष्णुता इसका प्रतीक है कि हम दूसरों के विश्वासों का सम्मान करें, भले ही वे हमारे अपने विश्वासों से अलग हों। यह विविधता को अपनाने और उसे स्वीकारने की प्रक्रिया है।

समाज में विकास और एकता: सहिष्णुता से विभिन्न समुदायों के बीच भाईचारे और एकता को बढ़ावा मिलता है। यह समाज में सामूहिक प्रगति की ओर अग्रसर करता है, जहां लोग एक-दूसरे के धर्मों और परंपराओं का सम्मान करते हैं।

संस्कार और आदर्श: सहिष्णुता धार्मिक और नैतिक दृष्टिकोण से एक आदर्श सिद्धांत है। यह हमें सिखाता है कि हमें अपने विश्वासों का पालन करने के साथ-साथ दूसरों के विश्वासों का भी सम्मान करना चाहिए। यह हमें मानवता और सहानुभूति की भावना से परिचित कराता है।

धर्मों का सहिष्णुता के उदाहरण
गांधी जी का अहिंसा और सहिष्णुता: महात्मा गांधी ने हमेशा सत्य और अहिंसा का पालन किया और सभी धर्मों का सम्मान किया। उनके अनुसार, सभी धर्मों में सत्य है और हमें सभी धर्मों को एक-दूसरे से सीखने का प्रयास करना चाहिए। गांधी जी के सिद्धांतों ने भारतीय समाज में धर्मनिरपेक्षता और सहिष्णुता को बढ़ावा दिया।

भारत में धर्मनिरपेक्षता का पालन: भारत एक ऐसा देश है जहाँ विभिन्न धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं। यहां हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी और अन्य धर्मों के अनुयायी हैं। भारत का संविधान भी धर्मनिरपेक्षता को अपना मूल सिद्धांत मानता है, जिसमें सभी धर्मों का समान सम्मान है।

कुरआन और भगवद गीता का संदेश: दोनों ही धार्मिक ग्रंथों में सहिष्णुता और दूसरों के विश्वासों का सम्मान करने का संदेश दिया गया है। भगवद गीता में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को सिखाया कि हर व्यक्ति का अपना मार्ग है, और हमें दूसरों के मार्ग का सम्मान करना चाहिए। वहीं, कुरआन में भी यह कहा गया है कि "जो लोग तुमसे लड़ते नहीं हैं, उन्हें सम्मान दो।"

लघु कविता:-

धर्मों की विविधता है, प्रेम और समझ का कारण,
सभी को एकजुट रखें, यही है जीवन का मान।
सम्मान और सहिष्णुता से ही, समाज बनेगा महान,
प्रेम और भाईचारे से ही, होगा हर मनुष्य का सम्मान।

अर्थ:
यह कविता यह संदेश देती है कि धर्मों की विविधता को समझने और उसे सम्मान देने से ही समाज में शांति और प्रेम का माहौल बनेगा। जब हम एक-दूसरे के धर्मों का आदर करेंगे, तो समाज में भाईचारे और समरसता का वातावरण बनेगा।

धर्मों का सहिष्णुता के लाभ
समाज में शांति और सौहार्द: धर्मों का सहिष्णुता समाज में शांति बनाए रखने में मदद करती है। विभिन्न धर्मों के अनुयायी बिना किसी विवाद के एक साथ रहते हैं, और इससे समाज में सकारात्मक वातावरण बना रहता है।

विविधता का सम्मान: सहिष्णुता हमें यह सिखाती है कि हमें दूसरों की विविधताओं को स्वीकार करना चाहिए। यह समाज में मानवीय अधिकारों और समानता की भावना को बढ़ावा देती है।

मानवता का आदर्श: सहिष्णुता और धर्मों का सम्मान करने से हम यह सिखते हैं कि हमें अपने विश्वासों का पालन करने के साथ-साथ दूसरों के विश्वासों का भी सम्मान करना चाहिए। यह हमें एकजुट करता है और समाज में भाईचारे की भावना को बढ़ावा देता है।

आध्यात्मिक विकास: जब हम दूसरों के विश्वासों का सम्मान करते हैं, तो हम अपने आध्यात्मिक विकास की ओर भी बढ़ते हैं। यह हमें आत्म-नियंत्रण, धैर्य और समझ की क्षमता प्रदान करता है।

विभिन्न धर्मों का सहिष्णुता न केवल सामाजिक शांति और सौहार्द की कुंजी है, बल्कि यह हमारे जीवन के आदर्शों का भी हिस्सा है। हमें यह समझना चाहिए कि हर धर्म अपने तरीके से सत्य और अच्छाई की ओर मार्गदर्शन करता है, और हमें दूसरों के विश्वासों का सम्मान करना चाहिए। समाज में शांति और एकता बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि हम धर्मों के बीच भेदभाव को समाप्त करें और एक-दूसरे के विश्वासों को समझने और स्वीकारने का प्रयास करें।

संबंधित चित्र और चिन्ह:

✋🌍 - सभी धर्मों का सम्मान और सहिष्णुता

🤝❤️ - भाईचारे और प्रेम का प्रतीक

🕊�🌸 - शांति और सौहार्द का प्रतीक

🌏✡️☪️✝️ - विभिन्न धर्मों का प्रतिनिधित्व

धर्मों की विविधता को सम्मान देते हुए हम एक बेहतर समाज की स्थापना कर सकते हैं, जिसमें सभी धर्मों और उनके अनुयायियों के बीच समरसता और शांति बनी रहे।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-31.03.2025-सोमवार.
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