हनुमान जन्म महोत्सव-

Started by Atul Kaviraje, April 14, 2025, 05:46:57 PM

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Atul Kaviraje

हनुमान जन्म महोत्सव-

�हनुमान जयंती, भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है, जो हिंदू धर्म में अत्यंत श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से भक्तों के बीच भक्ति, साहस और शक्ति का प्रतीक माना जाता है।�

हनुमान जयंती का महत्व:-

हनुमान जी को भगवान शिव का अवतार और भगवान राम के परम भक्त के रूप में जाना जाता है। उनकी पूजा से भक्तों को संकटों से मुक्ति, शत्रुओं पर विजय, और मानसिक शांति प्राप्त होती है। हनुमान जयंती के दिन विशेष रूप से उनकी आराधना करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।�

हनुमान जयंती 2025:

तिथि: 12 अप्रैल 2025, शनिवार�

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 12 अप्रैल 2025, सुबह 3:21 बजे�

पूर्णिमा तिथि समापन: 13 अप्रैल 2025, सुबह 5:51 बजे�

पूजा विधि:

प्रातःकालीन स्नान: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।�

व्रत का संकल्प: गंगाजल लेकर व्रत का संकल्प लें।�

पूजा स्थल की स्थापना: भगवान राम, माता सीता, और हनुमान जी की मूर्तियों को स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें।�

दीप जलाना: पूजा स्थल पर घी का दीपक या तेल का दीपक जलाएं।�

सिंदूर अर्पण: हनुमान जी की मूर्ति पर सिंदूर और चमेली के तेल से चोला चढ़ाएं।�

भोग अर्पण: लड्डू, बूंदी, या मालपुआ जैसे भोग अर्पित करें।�

पाठ और आरती: हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ करें और हनुमान जी की आरती गाएं।�

प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद वितरित करें और सभी को आशीर्वाद दें।�

उदाहरण के साथ भक्ति भाव पूर्ण कविता:-

चरण 1: प्रभु का स्मरण

राम के दूत, बजरंगबली,
संकट मोचन, सबके प्यारे।
आपकी भक्ति में बसा सुख,
आपकी शक्ति में सब कुछ न्यारे।�

अर्थ: हनुमान जी राम के दूत हैं, जो सभी संकटों को दूर करने वाले और भक्तों के प्रिय हैं। उनकी भक्ति में सुख और उनकी शक्ति में सभी समस्याओं का समाधान है।�

चरण 2: जन्म की कथा

अंजनी के गर्भ से जन्मे वीर,
पवन पुत्र, महाबलि।
चैत्र पूर्णिमा की शुभ तिथि पर,
हुए अवतरित, जगत के रक्षक।�

अर्थ: अंजनी माता के गर्भ से पवन पुत्र हनुमान का जन्म चैत्र पूर्णिमा के दिन हुआ था, जो जगत के रक्षक और महाबली हैं।�

चरण 3: शिक्षा की ज्योति

राम के चरणों में बसी जिनकी जान,
ज्ञान और भक्ति में जिनकी पहचान।
आपकी शिक्षाएं सिखाती हैं हमें,
कर्मयोग में समर्पण का मान।�

अर्थ: हनुमान जी की जान राम के चरणों में बसी थी। उनकी शिक्षाएं हमें कर्मयोग में समर्पण और निष्ठा का महत्व सिखाती हैं।�

चरण 4: शक्ति और साहस

सप्तपदियों में बसी जिनकी शक्ति,
सिंहासन पर जिनका अधिकार।
आपकी भक्ति से मिलता है बल,
साहस और आत्मविश्वास का संचार।�

अर्थ: हनुमान जी की शक्ति और साहस अनंत हैं। उनकी भक्ति से हमें बल, साहस, और आत्मविश्वास मिलता है।�

चरण 5: आशीर्वाद का वरदान

जय बजरंगबली की गूंजे ध्वनि,
आपके चरणों में बसा सुख।
आपकी कृपा से जीवन धन्य,
हमेशा रहे आपका आशीर्वाद सदा सुख।�

अर्थ: हनुमान जी की जयकार से वातावरण गूंज उठता है। उनकी कृपा से हमारा जीवन धन्य और सुखमय होता है।�

चित्रण और प्रतीक:

चित्र: हनुमान जी की सुंदर मूर्ति या चित्र, जिसमें वे सिंदूर से अभिषिक्त और चमेली के तेल से सजे हों।�

प्रतीक: लाल रंग, जो हनुमान जी के प्रिय रंग के रूप में जाना जाता है।�

इमोजी: 🧡🙏🦸�♂️🕉�🌸�

निष्कर्ष:

हनुमान जयंती का पर्व हमें भक्ति, साहस, और शक्ति की प्रेरणा देता है। इस दिन विधिपूर्वक हनुमान जी की पूजा करने से हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और हम अपने लक्ष्य की ओर मजबूती से बढ़ते हैं।�

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-12.04.2025-शनिवार.
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