📚🎶 देवी सरस्वती – विद्या उपासना मार्ग-

Started by Atul Kaviraje, April 18, 2025, 07:44:21 PM

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Atul Kaviraje

📚🎶 देवी सरस्वती – विद्या उपासना मार्ग-
(ज्ञान प्राप्ति की ओर भक्ति भावपूर्ण सरल हिन्दी कविता – अर्थ सहित)

📜 कविता शीर्षक: "सरस्वती माँ की ज्योति से"

🌼 चरण 1:
वीणा लिए, श्वेत वस्त्र में,
कमलासन बैठीं ध्यान में।
ज्ञान की देवी, शांति की छाया,
सरस्वती माँ का दिव्य सरमाया।

🪔 अर्थ: माँ सरस्वती सफेद वस्त्रों में, वीणा हाथ में लेकर कमल पर विराजती हैं। वे ज्ञान, संगीत और शांति की देवी हैं, जिनकी उपासना से जीवन में प्रकाश फैलता है।

🖼� प्रतीक: 🎵🎻🌼🕊�

🌼 चरण 2:
जो साधक श्रद्धा से पुकारे,
माँ हृदय में ज्ञान उजियारे।
शब्दों में मधुरता भर जाए,
बुद्धि तेज की जोत जगाए।

🪔 अर्थ: जो भी भक्त सच्चे मन से माँ को पुकारते हैं, उनके भीतर ज्ञान और विवेक का प्रकाश जगता है। उनकी वाणी मधुर और बुद्धि प्रखर हो जाती है।

🖼� प्रतीक: 🗣�🧠📖✨

🌼 चरण 3:
भोर में जपे जो नाम तुम्हारा,
बने वो विद्या का उजियारा।
श्लोक, मंत्र, और वेद की राह,
सरस्वती देतीं सही दिशा।

🪔 अर्थ: जो भक्त प्रातःकाल माँ सरस्वती का स्मरण करते हैं, वे विद्या के मार्ग पर अग्रसर होते हैं। वेद, शास्त्र और ज्ञान की राह उन्हें प्राप्त होती है।

🖼� प्रतीक: 🌅🕉�📜📚

🌼 चरण 4:
विद्यालय, ग्रंथालय जहाँ हो,
सरस्वती माँ वहाँ बहुचर्चित हो।
शिक्षक, विद्यार्थी का हो उद्धार,
माँ का आशीष बने आधार।

🪔 अर्थ: जहाँ विद्या का वास होता है – विद्यालय या पुस्तकालय – वहाँ माँ सरस्वती का विशेष प्रभाव होता है। शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए माँ का आशीर्वाद मार्गदर्शक बनता है।

🖼� प्रतीक: 🏫📚👩�🏫🙏

🌼 चरण 5:
कला, संगीत, और लेखन में,
सरस्वती माँ बसती मन में।
रागिनी से बहती सरिता,
ज्ञान की गूंज, मन मोहिता।

🪔 अर्थ: सरस्वती माँ कला, संगीत, कविता और लेखन की प्रेरणा हैं। उनकी वीणा से निकले स्वर आत्मा को स्पर्श करते हैं और मन को ज्ञान से भरते हैं।

🖼� प्रतीक: 🎨🎶🖋�🎼

🌼 चरण 6:
जो जपता 'या कुन्देन्दु...' का मंत्र,
पाता बुद्धि का प्रकाश अनंत।
विद्या की देवी करें सहाय,
अज्ञान से दूर हमें ले जाएं।

🪔 अर्थ: 'या कुन्देन्दुतुषारहारधवला' जैसे मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को अनंत ज्ञान और समझ की प्राप्ति होती है। माँ अज्ञान का अंधकार दूर करती हैं।

🖼� प्रतीक: 📿✨🕯�🌙

🌼 चरण 7:
सरल मन, शांत वाणी हो,
दया, विवेक, विद्या की धारा हो।
भवसागर में जो नाव बने,
वो माँ सरस्वती का नाम बने।

🪔 अर्थ: जो मन शांत, विचार संयमित और भावनाएँ निर्मल होती हैं, वहाँ माँ सरस्वती की कृपा होती है। उनका नाम ही जीवन की नैया को पार करने का साधन बनता है।

🖼� प्रतीक: 🚣�♀️🌊🧘�♂️🕊�

📜 समापन भाव:
देवी सरस्वती केवल एक देवी नहीं, बल्कि चेतना की स्वरूपा हैं।
उनकी साधना से हमें न केवल ज्ञान, बल्कि संतुलन, विवेक और आत्मिक आनंद भी प्राप्त होता है।

🙏 जय सरस्वती माता! 🙏

--अतुल परब
--दिनांक-18.04.2025-शुक्रवार.
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