संतोषी माता की पूजा और 'शांति और संतोष' प्राप्त करने का महत्व-

Started by Atul Kaviraje, April 19, 2025, 05:04:29 PM

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Atul Kaviraje

संतोषी माता की पूजा और 'शांति और संतोष' प्राप्त करने का महत्व-
(संतोषी माता की पूजा और 'शांति और संतुष्टि' प्राप्त करने का महत्व)
(The Worship of Santoshi Mata and the Importance of Achieving 'Peace and Satisfaction')

संतोषी माता की पूजा और 'शांति और संतुष्टि' प्राप्त करने का महत्व-
हिंदू धर्म में संतोषी माता को शांति, संतोष और सुख-समृद्धि की देवी माना जाता है। उनकी पूजा विशेष रूप से शुक्रवार के दिन की जाती है, जो 'शुक्रवार व्रत' के नाम से प्रसिद्ध है। यह व्रत विशेष रूप से महिलाओं द्वारा किया जाता है, लेकिन पुरुष भी इसे श्रद्धा भाव से कर सकते हैं।�

🕉� संतोषी माता की पूजा विधि
स्नान और स्वच्छता: प्रातःकाल सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।�

पूजा स्थल की तैयारी: घर के किसी पवित्र स्थान पर संतोषी माता की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।�

कलश स्थापना: एक कलश में जल भरकर उसे पूजा स्थल पर रखें।�

भोग अर्पण: कलश के ऊपर गुड़ और चने रखें।�

दीपक और धूप: माता के सामने घी का दीपक और धूप जलाएं।�

आरती और मंत्र जाप: संतोषी माता की आरती करें और निम्नलिखित मंत्र का 108 बार जाप करें:�

"ॐ श्री संतोषी देवाय नमः"�

प्रसाद वितरण: पूजा के बाद गुड़ और चने का प्रसाद घर के सभी सदस्यों को वितरित करें।�

उद्यापन: 16 शुक्रवार तक व्रत करने के बाद अंतिम शुक्रवार को 8 बालकों को खीर, पूरी और चने का भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा दें।�

🌸 संतोषी माता की पूजा के लाभ
संतोष की प्राप्ति: संतोषी माता की पूजा से जीवन में संतोष और मानसिक शांति मिलती है।�

धन और वैभव: इस व्रत से घर में धन और समृद्धि का वास होता है।�

विवाह में सफलता: अविवाहितों को योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।�

व्यापार में उन्नति: व्यापारिक समस्याएं दूर होती हैं और उन्नति के मार्ग प्रशस्त होते हैं।�

कष्टों का निवारण: जीवन की कठिनाइयाँ और दुखों से मुक्ति मिलती है।�

✍️ लघु कविता: "संतोषी माता की महिमा"

संतोषी माता की पूजा से, जीवन में सुख समृद्धि आए।
धन, वैभव और शांति से, हर दिल में संतोष समाए।
शुक्रवार का व्रत विधिपूर्वक, 16 शुक्रवार तक करें।
उद्यापन से माता प्रसन्न हों, और जीवन में सुख भरें।�

📷 प्रतीक और इमोजी

🕯� दीपक: आध्यात्मिक प्रकाश और अंधकार से मुक्ति का प्रतीक।�

🌸 कमल का फूल: संतोष और शांति का प्रतीक।�

🍬 गुड़ और चना: संतोषी माता के प्रिय भोग और प्रसाद का प्रतीक।�

🙏 प्रणाम मुद्रा: भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक।�

संतोषी माता की पूजा न केवल धार्मिक कर्तव्य है, बल्कि यह मानसिक शांति, संतोष और जीवन में सकारात्मकता लाने का एक प्रभावी उपाय भी है। इस व्रत को विधिपूर्वक करने से जीवन में सुख, समृद्धि और संतोष की प्राप्ति होती है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-18.04.2025-शुक्रवार.
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