🧭 "जुड़े रहो, खुद पर भरोसा रखो" 🤝🧠💫

Started by Atul Kaviraje, April 20, 2025, 05:27:52 PM

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Atul Kaviraje

🧭 "जुड़े रहो, खुद पर भरोसा रखो" 🤝🧠💫

1.
दयालुता से बोलो, अपनी मुस्कान बाँटो,
थोड़ी देर दूसरों के साथ चलो।
लेकिन जब अपना रास्ता चुनने का समय हो,
तो अपने दिल को दिन का नेतृत्व करने दो। 😊🛤�💭

📝 अर्थ:
सभी के लिए दोस्ताना और खुले रहें, लेकिन अपने फैसले भीतर से आने दें।

2.
लोग बदलते मौसम की तरह बदलते हैं,
आज गर्मी है, पूरी तरह से चली गई।
इसलिए सोच-समझकर अपना भरोसा बनाएँ,
लेकिन इसकी जड़ें अपनी नज़र में रखें। 🌦�🪞🍂

📝 अर्थ:
दूसरे बदल सकते हैं, लेकिन आपका आत्मविश्वास बना रहता है - इसे आप जो हैं, उसमें स्थापित करें।

3.
ध्यान से सुनो, और अपना कान लगाओ,
अपनी उपस्थिति से खुशी लाएँ।
लेकिन जब बात सच या झूठ की आती है,
तो सिर्फ़ आपकी आत्मा ही स्पष्ट कर सकती है। 👂❤️🕊�

📝अर्थ:
आप सबकी बात सुन सकते हैं, लेकिन सिर्फ़ आपकी आंतरिक आवाज़ ही सच्चाई से मार्गदर्शन कर सकती है।

4.
संबंध जंगली फूलों की तरह खिलते हैं,
लेकिन भरोसा कमाया जाता है, मुफ़्त में नहीं।
इसलिए संपर्क में रहें, लेकिन दरवाज़ा बंद रखें,
अगर दिल सीधे हैं तो कामों से साबित करें। 🌸🔐🌿

📝अर्थ:
दोस्ती ज़रूरी है, लेकिन भरोसा सावधानी से दिया जाना चाहिए, आँख मूंदकर नहीं।

5.
सितारों के बीच चाँद की तरह बनो,
धीरे से पास, फिर भी दूर से सच्चा।
अपने केंद्र को पकड़ो, कोमल और उज्ज्वल,
अपने आंतरिक प्रकाश से चमकते हुए। 🌙✨🌌

📝अर्थ:
दूसरों के साथ गर्मजोशी से रहो, लेकिन हमेशा अपने सत्य में केंद्रित रहो।

6.
अगर तूफ़ान आए और आवाज़ें फीकी पड़ जाएँ,
तो अपने बनाए हुए मौन से मत डरो।
क्योंकि उस मौन में तुम्हारी शक्ति बढ़ेगी,
एक शांत आग, एक स्थिर चमक। 🌪�🔥🧘�♀️

📝अर्थ:
अकेलेपन या चुनौती में भी, खुद पर भरोसा करने से शांत शक्ति का निर्माण होता है।

7.
इसलिए दुनिया का खुले हाथों से अभिवादन करो,
लेकिन अपनी शक्ति आंतरिक भूमि से खींचो।
क्योंकि जीवन साझा करने से बेहतर है, यह सच है—
लेकिन कोई और आपके लिए नहीं चल सकता। 🌍✋🛤�

📝अर्थ:
लोगों से जुड़े रहो, लेकिन याद रखो—तुम्हारी यात्रा सिर्फ़ तुम्हारी है।

--अतुल परब
--दिनांक-20.04.2025-रविवार.
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