शिव मंदिरों में पूजा विधि- (शिव मंदिरों में पूजा पद्धति)-

Started by Atul Kaviraje, April 28, 2025, 09:20:13 PM

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Atul Kaviraje

शिव मंदिरों में पूजा विधि-
(शिव मंदिरों में पूजा पद्धति)
(Worship Practices at Shiva Temples) 

शिव मंदिरों में पूजा विधि - हिंदी लेख-

शिवजी की पूजा हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखती है। शिव को समर्पित पूजा विधि सरल होने के साथ-साथ अत्यंत प्रभावी भी है। शिव मंदिरों में पूजा करते समय भक्त भावपूर्ण तरीके से अपने ईश्वर के प्रति श्रद्धा और भक्ति प्रकट करते हैं। यहाँ हम शिव मंदिरों में पूजा विधि के बारे में विस्तृत जानकारी देने जा रहे हैं।

पूजा विधि का महत्व:

शिव मंदिरों में पूजा का एक विशेष महत्व है। यहां पूजा करते समय भक्त भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करने की अभिलाषा रखते हैं। शिव पूजा का उद्देश्य भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का आशीर्वाद प्राप्त करना है।

शिव पूजा की विधि बहुत ही सरल और प्रभावी है। इसकी शुरुआत शुद्धता और श्रद्धा के साथ करनी चाहिए, ताकि भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहे।

शिव पूजा की विधि:

मंदिर में प्रवेश: मंदिर में प्रवेश करते समय, सबसे पहले नंगे पैर प्रवेश करना चाहिए। मंदिर का वातावरण शुद्ध और पवित्र होता है, इसलिए शरीर को शुद्ध रखना आवश्यक है।

शिवलिंग का अभिषेक: शिवलिंग को जल, दूध, शहद, गंगाजल और बेल पत्र से अभिषेक करना चाहिए। यह अभिषेक शुद्ध मन और श्रद्धा से किया जाता है। बेल पत्र भगवान शिव को प्रिय होते हैं, इसलिए इन्हें चढ़ाना शुभ माना जाता है।

दीप और धूप का अर्पण: दीपक और धूप जलाकर शिवलिंग के सामने अर्पित करना चाहिए। यह भगवान शिव के प्रति हमारी भक्ति और सम्मान को प्रकट करता है।

ॐ नमः शिवाय मंत्र का जप: "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जप सबसे प्रभावी माना जाता है। इस मंत्र का उच्चारण पूरे श्रद्धा भाव से किया जाता है। इसे 108 बार या माला से किया जा सकता है।

पुष्प अर्पण: फूल भगवान शिव को प्रिय होते हैं। विशेष रूप से सफेद फूलों का अर्पण किया जाता है। इन फूलों के साथ अपने मन की पवित्रता और श्रद्धा व्यक्त होती है।

प्रसाद का वितरण: पूजा के बाद प्रसाद वितरण किया जाता है। यह एक प्रतीक है कि भगवान शिव की कृपा से सभी भक्तों को समान रूप से आशीर्वाद प्राप्त हो।

आरती: पूजा के बाद आरती गाने से पूजा का समापन होता है। आरती में भगवान शिव की महिमा गाई जाती है, जिससे पूजा का वातावरण भक्तिपूर्ण बनता है।

हिंदी कविता - शिव पूजा विधि पर:

चरण 1:
शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं,
धूप और दीप से पूजा करते हैं।
बेल पत्र अर्पित करते हम,
भक्ति भाव से शिव को प्रसन्न करते हैं।

अर्थ:
हम शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं और पूजा करते समय दीप और धूप का उपयोग करते हैं। बेल पत्र भगवान शिव को प्रिय होते हैं, इसलिए उन्हें अर्पित किया जाता है। इस विधि से हम अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं।

चरण 2:
"ॐ नमः शिवाय" का जप करें,
शिव की भक्ति में मन रमाए।
पवित्र मन से किया जाए,
शिव का आशीर्वाद पाए।

अर्थ:
हम "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जप करते हैं। यह मंत्र हमें शांति और आशीर्वाद की प्राप्ति में मदद करता है। यह हमें भगवान शिव के प्रति पूर्ण श्रद्धा और भक्ति प्रदान करता है।

चरण 3:
फूलों से शिव को सजाएं,
प्रसाद का वितरण करें।
शिव के चरणों में समर्पित करें,
भगवान का आशीर्वाद हम पाए।

अर्थ:
हम भगवान शिव को फूलों से सजाते हैं और प्रसाद का वितरण करते हैं। यह एक तरीका है भगवान के प्रति आभार और प्रेम व्यक्त करने का। इस प्रक्रिया से हमें भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

चरण 4:
आरती के स्वर से मंदिर गूंजे,
शिव की महिमा सबको सुनाए।
श्रद्धा भाव से पूजा हो पूरी,
शिव का आशीर्वाद हम पाए।

अर्थ:
आरती के दौरान भगवान शिव की महिमा का गुणगान किया जाता है। यह श्रद्धा का सबसे प्रमुख रूप है, जो हमें भगवान शिव का आशीर्वाद प्रदान करता है और पूजा को संपूर्ण करता है।

निष्कर्ष:

शिव मंदिरों में पूजा का तरीका सरल और प्रभावशाली है। हमें इसे पूर्ण श्रद्धा और भक्ति से करना चाहिए। भगवान शिव की पूजा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। शिव के प्रति हमारी भक्ति और सम्मान का प्रतीक है ये पूजा विधियाँ।

चित्र और इमोजी:

🕉� ॐ नमः शिवाय
🪔 दीपक
🌸 बेल पत्र
💧 जल
📿 माला
🙏 प्रार्थना
🕊� शांति

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-28.04.2025-सोमवार.
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