हिंदी कविता: सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण-

Started by Atul Kaviraje, April 29, 2025, 10:41:20 PM

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Atul Kaviraje

हिंदी कविता: सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण-

चरण 1:
हमारी संस्कृति का है अमूल्य धरोहर,
यहां हैं विरासत, कला और साहित्य का ठौर।
धरोहर को बचाए रखना है हमारा धर्म,
समाज में लाना होगा इसे सद्भाव और सम्मान।

अर्थ:
हमारी संस्कृति और धरोहर अनमोल हैं, जिनमें कला, साहित्य और हमारे पूर्वजों की विरासत समाई हुई है। इसे बचाए रखना हमारा कर्तव्य है, और समाज में इसके महत्व को बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी है।

चरण 2:
धरोहर में हैं हमारी पहचान की छाप,
जिससे हम होते हैं अपनी संस्कृति से जुड़ाव।
प्राचीन इमारतें और कलाएं बचाएं हम,
क्योंकि ये ही हमारी विरासत को दिखाएं हम।

अर्थ:
हमारी सांस्कृतिक धरोहर हमारी पहचान है। प्राचीन इमारतें और कला हमें हमारी जड़ों से जोड़ती हैं, इसलिए हमें इनका संरक्षण करना चाहिए।

चरण 3:
संस्कारों से, जीवन का है स्वाभाव,
संस्कृति से ही पाते हैं हम आत्मा का भाव।
समाज में फैलाएं हम इसे हर घर में,
ताकि अगली पीढ़ी इसे समझ सके सही समय में।

अर्थ:
संस्कार और संस्कृति जीवन के स्वाभाव का हिस्सा हैं। यही हमें आत्मिक संतोष और भावना प्रदान करते हैं। हमें इसे हर घर में फैलाना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी इसे समझ सके।

चरण 4:
हमारा कर्तव्य है इसे बचाना,
कला, संगीत, नृत्य का आदान-प्रदान बढ़ाना।
समाज में समझ पैदा करें,
संस्कृतिक धरोहर को सम्मान दें।

अर्थ:
हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बचाएं और उसका प्रचार करें। कला, संगीत और नृत्य का आदान-प्रदान बढ़ाकर हम इसे और सम्मानित बना सकते हैं।

चित्र, प्रतीक और इमोजी:
🏛� प्राचीन इमारतें
🎨 कला
🎶 संगीत
💃 नृत्य
📚 पुस्तकें
🌍 संस्कृति
🕰� समय की धरोहर

निष्कर्ष:
संस्कृतिक धरोहर को बचाए रखना और उसे आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाना हम सभी का कर्तव्य है। हमें इसे न केवल संरक्षित करना है, बल्कि इसका प्रचार भी करना है ताकि हमारी सांस्कृतिक धरोहर अमर रहे और आने वाली पीढ़ी इसका सही मूल्य समझ सके।

--अतुल परब
--दिनांक-27.04.2025-रविवार.
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