🙏🏻 कृष्ण और महाभारत में उनकी भूमिका-

Started by Atul Kaviraje, April 30, 2025, 08:45:14 PM

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Atul Kaviraje

कृष्ण और महाभारत में उनका कार्य-
(कृष्ण और महाभारत में उनकी भूमिका)
(Krishna and His Role in Mahabharata)

🙏🏻 कृष्ण और महाभारत में उनकी भूमिका-
📚 (Krishna and His Role in the Mahabharata)
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🪷 परिचय (Introduction):
भगवान श्रीकृष्ण केवल एक योद्धा नहीं, बल्कि धर्म, नीति और भक्तिभाव के महान मार्गदर्शक भी हैं।
महाभारत जैसे महाग्रंथ में उनकी भूमिका निर्णायक रही — चाहे वह अर्जुन के सारथी के रूप में हो, या धर्म के रक्षक के रूप में।

🌟 परिचय:
भगवान श्रीकृष्ण केवल युद्ध के मैदान में अर्जुन के सारथी नहीं थे, बल्कि वे उस काल के धर्म, नीति और सत्य के संरक्षक भी थे। महाभारत में उनका योगदान केवल एक युक्तिपूर्ण योजनाकार तक सीमित नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक गुरु, दार्शनिक और ईश्वर के साक्षात रूप के रूप में भी था।

इस भक्तिभावपूर्ण कविता के माध्यम से हम कृष्ण की भूमिका को सरल शब्दों, तुकबंदी के साथ, अर्थ सहित समझते हैं।

✨ भक्तिपूर्ण दीर्घ कविता – ७ चरण (चार-चार पंक्तियाँ)
📜 हर चरण के नीचे उसका सरल हिंदी अर्थ दिया गया है।

🪷 चरण १
शंख बजा के युद्धस्थल में, धर्म की राह बतलाई,
कायर बना जो वीर कभी था, उसमें फिर से जान जगाई।
गीता का संदेश सुनाया, मोह से मुक्त कराया,
सत्य की जो राह भटके थे, उन्हें फिर से राह दिखाया।

🔸 अर्थ:
कृष्ण ने युद्ध भूमि में अर्जुन को गीता का उपदेश देकर मोह और भ्रम से मुक्त किया और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।

🛡 चरण २
रथ के पहिए में अटके धर्म, कृष्ण ने हाथ बढ़ाया,
अर्जुन ने जो युद्ध रोका, उसका फिर संकल्प दिलाया।
सारथी बन रणभूमि में, प्रभु ने धर्म निभाया,
राजा न होकर भी स्वयं, राजा धर्म का कहलाया।

🔸 अर्थ:
कृष्ण ने सारथी बनकर केवल रथ नहीं चलाया, बल्कि धर्म और नीति की दिशा तय की। वे असली नायक बनकर उभरे।

🕉 चरण ३
नीति, न्याय और सच्चाई, सबके पथ-प्रदर्शक ठहरे,
शांति से बात करने वाले, अंत में भी निडर बहरे।
दुर्योधन को भी अवसर दिया, फिर भी वो न समझा,
कृष्ण का धैर्य था अद्भुत, जो केवल भक्त ही जाना।

🔸 अर्थ:
कृष्ण ने पहले शांति का प्रयास किया, लेकिन जब अन्याय हावी हुआ तो धर्म के पक्ष में खड़े हो गए।

🎻 चरण ४
मोह, माया, बंधन को, गीता में सब समझाया,
"कर्म कर, फल की चिंता मत कर"— ऐसा मार्ग दिखाया।
हर युग में ये ज्ञान अमूल्य, जीवन का दीपक बन जाए,
जो गीता को पढ़ समझे, वो सत्य की राह अपनाए।

🔸 अर्थ:
भगवद गीता का संदेश आज भी जीवन के हर मोड़ पर मार्गदर्शन करता है—कर्म पर विश्वास रखने की प्रेरणा देता है।

⚔️ चरण ५
कृष्ण की माया अद्भुत थी, लेकिन न थी भ्रम की छाया,
हर चाल में धर्म छुपा था, हर नीति में न्याय समाया।
रणनीति के ज्ञाता बनकर भी, वे बने प्रेम के सागर,
शत्रु को भी सन्मार्ग दिखाए, ऐसा अद्भुत था उनका चरित्र।

🔸 अर्थ:
कृष्ण की नीति और चालें न्यायसंगत थीं, और उनका व्यवहार करुणा से भरा हुआ था—यह उनके चरित्र की सुंदरता थी।

🦚 चरण ६
भीष्म, द्रोण और कर्ण सरीखे, वीर भी थे दुविधा में,
पर कृष्ण की दृष्टि थी साफ़, धर्म खड़ा सत्यता में।
नियति का जो खेल चला, उसका सूत्रधार वही था,
हर निर्णय में सत्य छिपा, जो केवल कृष्ण ने लिखा।

🔸 अर्थ:
कृष्ण की भूमिका केवल सलाह देने की नहीं थी, बल्कि वे भाग्य के निर्माता की तरह सभी निर्णयों के पीछे थे।

🌸 चरण ७
युगों तक गूंजेगा संदेश, कृष्ण का अमर विचार,
हर युग में होंगे अर्जुन, और कृष्ण देंगे उपकार।
भक्तिभाव से जो याद करे, उसका हो उद्धार,
श्रीकृष्ण हैं केवल देव नहीं, जीवन के आधार।

🔸 अर्थ:
कृष्ण का ज्ञान और उपदेश आज भी उतने ही उपयोगी हैं जितने महाभारत काल में थे। वे हर युग में मार्गदर्शक रहेंगे।

📖 संक्षिप्त निष्कर्ष (Short Conclusion):
भगवान श्रीकृष्ण महाभारत में केवल एक पात्र नहीं, बल्कि धर्म, नीति, और मानवता के साक्षात रूप हैं। उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने पहले थे। गीता का ज्ञान, उनका चरित्र, और उनका प्रेम—ये सभी जीवन का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

🖼� प्रतीक, चित्र और इमोजी:
🕉� श्रीकृष्ण | 🛡� धर्म | 🎻 गीता उपदेश | ⚔️ युद्ध | 🌸 प्रेम | 📖 ज्ञान | 🕊� शांति

--अतुल परब
--दिनांक-30.04.2025-बुधवार.
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