🙏🏻 श्री राम की प्रतिबद्धता और उनका नैतिक कर्तव्य-

Started by Atul Kaviraje, April 30, 2025, 08:45:52 PM

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Atul Kaviraje

श्री राम की प्रतिबद्धता और उनका नैतिक कर्तव्य-
(Rama's Commitment and His Moral Duty) 

🙏🏻 श्री राम की प्रतिबद्धता और उनका नैतिक कर्तव्य
(Rama's Commitment and His Moral Duty)
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🌟 परिचय:
श्रीराम केवल एक राजा नहीं थे, वे मर्यादा पुरुषोत्तम थे। उन्होंने जीवन भर अपने नैतिक कर्तव्यों और धार्मिक सिद्धांतों का पालन करते हुए समाज के लिए एक आदर्श प्रस्तुत किया। इस कविता में हम उनके जीवन की उन बातों को सरल तुकबंदी में समझेंगे, जो आज भी हमें प्रेरणा देती हैं।

✨ भक्तिपूर्ण दीर्घ कविता – ७ चरण (चार-चार पंक्तियाँ)

📜 हर चरण के नीचे उसका सरल हिंदी अर्थ दिया गया है।

🌿 चरण १
राज सिंहासन त्याग दिया, पिता का वचन निभाया,
वन के पथ पर चल पड़े, दुख को भी अपनाया।
त्याग, सेवा, प्रेम सिखाया, हर बंधन को तोड़ा,
धर्मपालक राम सदा, अधर्म से नाता तोड़ा।

🔸 अर्थ:
श्रीराम ने अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए राजगद्दी त्याग दी और धर्म के मार्ग पर चलकर कर्तव्य का उदाहरण प्रस्तुत किया।

🛶 चरण २
वन में रहकर संयम साधा, जीवन को तप बनाया,
सीता संग और लक्ष्मण संग, हर दुख को अपनाया।
राक्षसों से युद्ध किया, धर्म की जोत जगाई,
प्रभु राम की नीति देख, प्रकृति भी मुस्काई।

🔸 अर्थ:
वनवास के दौरान राम ने संयमित जीवन जिया, अधर्म के विरुद्ध संघर्ष किया और जीवन में धर्म का दीप जलाए रखा।

🌸 चरण ३
सीता के हरण की घटना, राम के मन को छू गई,
पर हार नहीं मानी उन्होंने, शक्ति भीतर जाग उठी।
हनुमान, सुग्रीव संग, सेतु बना समुद्र पर,
लंका में रावण से युद्ध, धर्म हुआ फिर अमर।

🔸 अर्थ:
सीता माता के अपहरण के बाद राम ने धैर्य, योजना और साहस के साथ न्याय और धर्म की स्थापना की।

🕊 चरण ४
भाई के लिए भरत त्यागे, प्रजा के लिए सीता,
राम ने सदा किया वही, जो सही था रीता।
प्रजा की चिंता में सदा, निज भावों को त्यागा,
ऐसे मर्यादा के रक्षक, हर युग ने जिनको माँगा।

🔸 अर्थ:
श्रीराम ने अपने व्यक्तिगत सुख की जगह समाज और धर्म को प्राथमिकता दी—यह उनकी नैतिकता की ऊँचाई थी।

🔥 चरण ५
अग्नि परीक्षा हो या त्याग, राम का निर्णय कठिन,
पर न्याय की जो डोर थामी, वही बना अमूल्य रत्न।
राजा होकर भी रहे सेवक, प्रजा को सर्वोपरि रखा,
सत्य के पथ पर चलकर, जीवन का दीप जला रखा।

🔸 अर्थ:
राम ने कठिन निर्णय लेकर भी न्याय को प्रधानता दी और राजधर्म को सर्वोच्च स्थान दिया।

🚩 चरण ६
राम नहीं केवल नाम है, वो तो एक विचार है,
धैर्य, संयम, सेवा का, जीवन का उपहार है।
उनकी कथा हर युग में, नव प्रेरणा बन जाए,
जो राम को जीवन माने, वो सच्चा मानव कहलाए।

🔸 अर्थ:
श्रीराम एक ऐतिहासिक पात्र नहीं बल्कि एक जीवन दर्शन हैं, जिनका अनुसरण हर कोई कर सकता है।

🌞 चरण ७
रामराज्य का स्वप्न है प्यारा, जहाँ हो न्याय बराबर,
प्रेम, करुणा, सत्य की धारा, बहती हो निर्बाध निरंतर।
भक्तों के नाथ, राम हमारे, जग में हैं आदर्श सदा,
रामकथा से सीखें हम सब, जीवन हो मंगलमय बड़ा।

🔸 अर्थ:
रामराज्य का आदर्श—जहां न्याय, शांति, और करुणा हो—आज भी हमारे लिए प्रेरणा है और राम का जीवन एक आदर्श उदाहरण।

📖 संक्षिप्त निष्कर्ष (Short Conclusion):
श्रीराम का जीवन सत्य, त्याग और नैतिकता का प्रतीक है। उनके निर्णयों में धर्म और जनकल्याण की भावना सर्वोपरि रही। वे आज भी आदर्श पुत्र, आदर्श पति, आदर्श राजा और आदर्श मानव के रूप में पूजे जाते हैं।

🖼� प्रतीक, चित्र और इमोजी:
🕉� राम 🙏🏻 | 🌺 सीता 🌿 | 🗡� रावण 🚩 | 📜 गाथा 🛶 | 👑 राज्य 🌞 | 🕊� नैतिकता

--अतुल परब
--दिनांक-30.04.2025-बुधवार.
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