दादा महाराज पुण्यतिथी - शिवडाव, तालुका - कणकवली-

Started by Atul Kaviraje, May 03, 2025, 09:19:50 PM

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Atul Kaviraje

दादा महाराज पुण्यतिथी - शिवडाव, तालुका - कणकवली-

दादा महाराज की पुण्यतिथी विशेष रूप से शिवडाव, कणकवली में श्रद्धा और भक्तिभाव से मनाई जाती है। वे एक महान संत थे जिन्होंने अपने जीवन में समर्पण और सेवा का आदर्श प्रस्तुत किया। उनकी पुण्यतिथी पर हम उनके योगदान को याद करते हैं और उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करते हैं। यहाँ एक सुंदर और अर्थपूर्ण कविता दी जा रही है, जो दादा महाराज की पुण्यतिथी के महत्त्व को व्यक्त करती है।

कविता:-

चरण 1:
दादा महाराज की पुण्यतिथी आई, श्रद्धा से मन में प्रेम समाई,
शिवडाव में भक्तों की भीड़, उनके चरणों में शांति सलाई।
उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख, हर दिल में एक नई राह चल पाई,
दादा महाराज की महिमा में, हर आत्मा को शांति मिलाई।

अर्थ: दादा महाराज की पुण्यतिथी पर लोग श्रद्धा और प्रेम के साथ एकत्र होते हैं। उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख और शांति का संचार होता है।

चरण 2:
शिवडाव में बसी है एक शक्ति, दादा महाराज की वाणी की,
उनकी उपदेशों से सजे हैं दिल, जीवन में प्रकाश भर गई।
हर भक्त ने उनके चरणों में पाया, आत्मा का सुख और शांति,
दादा महाराज का आशीर्वाद है, हम सबके लिए अनमोल रत्न।

अर्थ: दादा महाराज की उपदेशों और वाणी से हर व्यक्ति के दिल में शांति और आस्था का संचार होता है। उनका आशीर्वाद अनमोल है, जो सभी के जीवन को समृद्ध करता है।

चरण 3:
जीवन की कठिन राहों पर, दादा का आशीर्वाद दिखा,
उनकी भक्ति में हम सब चलें, हर दुख से जूझकर निकला।
शिवडाव में उनकी महिमा, हर दिल में बसी रहती है,
उनकी पुण्यतिथी पर हम सब, श्रद्धा और भक्ति से सजते हैं।

अर्थ: दादा महाराज का आशीर्वाद जीवन की कठिनाइयों से निकलने का मार्ग दिखाता है। उनकी पुण्यतिथी पर लोग श्रद्धा से उनकी पूजा करते हैं।

चरण 4:
दादा महाराज के चरणों में, सब दुखों का निवारण है,
उनकी भक्ति से जीवन में, शांति का आगमन है।
शिवडाव में उनका स्थान, हम सबके दिलों में बसे,
उनकी पुण्यतिथी पर हम सब, उनकी महिमा में डूबे।

अर्थ: दादा महाराज के चरणों में हम अपने सभी दुखों को समाप्त करते हैं। उनकी भक्ति से जीवन में शांति और सुख का आगमन होता है।

चरण 5:
उनके आशीर्वाद से जीवन सुधरे, जैसे सूर्य की किरण से रात ढले,
दादा महाराज का आशीर्वाद हमें, हर मुश्किल से उबारने वाला है।
शिवडाव की धरती पर बसी है, उनका आशीर्वाद और प्रेम,
उनकी पुण्यतिथी पर हम सब, उनके चरणों में श्रद्धा से प्रेम।

अर्थ: दादा महाराज का आशीर्वाद जीवन को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। शिवडाव में उनका आशीर्वाद हर किसी के जीवन को संजीवनी शक्ति प्रदान करता है।

चरण 6:
हर भक्त ने पाया है सुख, दादा के चरणों में बसा,
उनकी भक्ति से सजीव हुए दिल, हर दुख से मुक्त हुआ।
शिवडाव में उनके आशीर्वाद से, हर एक आत्मा को शांति मिली,
उनकी पुण्यतिथी पर हम सब, उनके चरणों में श्रद्धा से नतमस्तक हैं।

अर्थ: दादा महाराज की भक्ति से हर भक्त के दिल में शांति और सुख का अनुभव होता है। उनकी पुण्यतिथी पर हम सब श्रद्धा से उनके चरणों में नतमस्तक होते हैं।

चरण 7:
आज की पुण्यतिथी पर हम सब, दादा की भक्ति में लीन हैं,
उनकी उपासना से हर दिल में, प्रेम और शक्ति की जोत जली है।
दादा महाराज का आशीर्वाद हमें, हमेशा के लिए चाहिए,
उनकी पुण्यतिथी पर हम सब, उनके आशीर्वाद से आगे बढ़े।

अर्थ: दादा महाराज की पुण्यतिथी पर हम उनके आशीर्वाद से जीवन को शक्ति और प्रेम से भरते हैं। उनका आशीर्वाद हमें हमेशा चाहिए ताकि हम जीवन में आगे बढ़ सकें।

निष्कर्ष:
दादा महाराज की पुण्यतिथी हमें उनके जीवन और कार्यों को याद करने का अवसर देती है। उनकी भक्ति और आशीर्वाद से जीवन में शांति, सुख और प्रेम का संचार होता है। हम सब उनकी भक्ति में लीन होकर जीवन को बेहतर बना सकते हैं।

🌸🙏 दादा महाराज की पुण्यतिथी पर हम सब उनकी भक्ति में समाहित हो जाएं और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख और शांति प्राप्त करें। 🌸💖

--अतुल परब
--दिनांक-03.05.2025-शनिवार.
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