सूर्य देव और उनका 'धर्म' और 'न्याय' का सिद्धांत-🌞🙏 हिंदी कविता 🌞

Started by Atul Kaviraje, May 04, 2025, 08:56:26 PM

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Atul Kaviraje

सूर्य देव और उनका 'धर्म' और 'न्याय' का सिद्धांत-
(सूर्य देव द्वारा धर्म और न्याय का दर्शन)
(The Philosophy of Dharma and Justice by Surya Dev)

🌞🙏 भक्ति भावपूर्ण दीर्घ हिंदी कविता 🌞

विषय: सूर्य देव और उनका 'धर्म' और 'न्याय' का सिद्धांत
(The Philosophy of Dharma and Justice by Surya Dev)
✨ चित्र, प्रतीक, इमोजी, सरल अर्थ व सात सुंदर चरणों सहित ✨

🌄 चरण 1:
प्रकाश फैलाएं हर दिशा, अंधकार से करें युद्ध,
धर्म वही जो सिखाए, न्याय का हो सच्चा पथ।
सूर्यदेव हैं प्रत्यक्ष देव, हर सुबह देते संदेश,
सत्य, संयम, सेवा से हो, जीवन का विशेष।

📝 अर्थ:
सूर्यदेव हर दिन प्रकाश फैलाकर अंधकार को हटाते हैं। उनका जीवन हमें धर्म, न्याय और सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

⚖️ चरण 2:
सात अश्वों का रथ धरे, समय के संग चलें,
रुकते नहीं, थकते नहीं, अपने कर्म में रमलें।
न्याय हो निर्भय, निष्पक्ष भाव हो हर ओर,
धूप समान सदा फैले, धर्म का अमृत भोर।

📝 अर्थ:
सूर्य का रथ सात घोड़ों से खिंचता है, जो समय और सात दिनों का प्रतीक है। वे कभी नहीं रुकते, यह हमें निरंतर कर्म और निष्पक्ष न्याय की प्रेरणा देते हैं।

🪔 चरण 3:
न्याय करें वह आँखों से नहीं, अंतरात्मा की दृष्टि से,
जो छिपा हो सत्य, उसे भी लाएं उजाले की रेखा से।
न हो पक्षपात किसी का, न हो दंड में संकोच,
धर्म के दीप से जलाएं, अज्ञान का हर कोष।

📝 अर्थ:
सूर्यदेव न्याय का प्रतिनिधित्व करते हैं, वे भेदभाव नहीं करते। उनका प्रकाश सत्य को उजागर करता है और अज्ञान को दूर करता है।

🔆 चरण 4:
संध्या में भी तेज कम नहीं, वह धैर्य की मिसाल,
हर समय देना ही धर्म, यह उनका आदर्श वाक्य।
आस्था से जो निहारें उन्हें, पाएं जीवन में बल,
कर्तव्य पथ पर अडिग रहें, हो चाहे मुश्किल पल।

📝 अर्थ:
सूर्यदेव धैर्य और निरंतरता के प्रतीक हैं। वे हर समय प्रकाश देते हैं — हमें भी इसी प्रकार निस्वार्थ सेवा और कर्तव्यभाव से जीना चाहिए।

🛕 चरण 5:
पर्वत, सागर, आकाश भी, झुकते उनके तेज से,
धर्म के सूरज बनें हम भी, चलें उनके संकेत से।
जहाँ अन्याय छाया हो, वहाँ रोशनी बन जाएं,
न्याय, करुणा, सत्य का दीप, जीवन में हम जलाएं।

📝 अर्थ:
सभी तत्व सूर्यदेव के तेज के आगे नतमस्तक होते हैं। हम भी उनके आदर्शों पर चलकर सत्य और न्याय का दीप जलाकर दुनिया में प्रकाश फैला सकते हैं।

💫 चरण 6:
कभी न थमते, कभी न रुकते, यही धर्म का रूप,
हर दिन नया सवेरा दें, हर मन में भरें खूब।
कर्तव्यों में हो तेज समान, न हो कोई विकार,
सूर्य जैसे हम बनें, हो सत्य का संसार।

📝 अर्थ:
सूर्यदेव बिना रुके अपना कार्य करते हैं, यह हमें बताता है कि धर्म का मार्ग सतत और अडिग होता है। हमें भी सत्य और सेवा में निरंतर लगे रहना चाहिए।

🙏 चरण 7:
हे सूर्य देव! दीजिए हमको धर्म का वह ज्ञान,
जहाँ हो सत्य का उजाला, और मिटे अन्याय का मान।
हर दिल में जागृत हो, न्याय का वो प्रकाश,
आपके पदचिन्हों पर चलें, यही है हमारा विश्वास।

📝 अर्थ:
यह चरण सूर्यदेव से प्रार्थना है कि वे हमें धर्म और न्याय का सच्चा मार्ग दिखाएं, जिससे हम सभी जीवन में संतुलन, सेवा और सत्य को आत्मसात कर सकें।

🕉� संक्षिप्त निष्कर्ष:

🌞 सूर्यदेव धर्म, कर्म, न्याय और सत्य का प्रतीक हैं।
उनकी पूजा केवल भौतिक प्रकाश के लिए नहीं, बल्कि आत्मिक आलोक, कर्तव्यनिष्ठा, और न्यायप्रियता के लिए भी की जाती है।
हर दिन उनका उदय हमें जीवन में भी नयापन, दृढ़ता और सच्चाई की प्रेरणा देता है।

🌅 भावचित्र व इमोजी प्रतीक:

🌞 सूर्यदेव – सत्य व प्रकाश
⚖️ तराजू – न्याय
🪔 दीपक – ज्ञान
🛕 मंदिर – भक्ति
📿 जपमाला – साधना
🙏 करबद्ध नमन – श्रद्धा

--अतुल परब
--दिनांक-04.05.2025-रविवार.
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