🌺 कविता: "शाहू महाराज – न्याय की ज्योति"

Started by Atul Kaviraje, May 06, 2025, 08:30:40 PM

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Atul Kaviraje

राजश्री छत्रपति शाहू महाराज का पुण्य दिवस-
📅 तारीख – 6 मई 2025, मंगलवार
🕊� सामाजिक न्याय के अग्रदूत को श्रद्धांजलि 🕊�

🌺 कविता: "शाहू महाराज – न्याय की ज्योति"
(07 चरण, प्रत्येक में 4 पंक्तियाँ, सरल तुकबंदी और अर्थ सहित)

🔹 चरण 1
शाहू महाराज थे जन के तारण,
सबको मिले शिक्षा का आभरण।
भेदभाव को किया दूर सदा,
समता का वो बन गए सदा।

📖 अर्थ:
शाहू महाराज ने समाज में सबके लिए शिक्षा की व्यवस्था की और जातिवाद व भेदभाव को समाप्त करने के लिए जीवनभर संघर्ष किया।

🔹 चरण 2
दलितों को मिला जब अधिकार,
शाहूजी थे उसके आधार।
उनके फैसले हुए महान,
हर वर्ग में फैला सम्मान।

📖 अर्थ:
उन्होंने दलित और पिछड़े वर्गों को सामाजिक, शैक्षणिक और राजकीय अधिकार दिए, जिससे उन्हें समाज में मान-सम्मान मिला।

🔹 चरण 3
न्यायप्रिय और दूरदर्शी थे,
जनकल्याण में संलग्न रहे।
राजा होकर भी सादा मन,
हर जन को माना आपने जन।

📖 अर्थ:
शाहू महाराज एक न्यायप्रिय और जनता के लिए समर्पित राजा थे। उन्होंने आम लोगों के लिए राजा के अहं को त्याग दिया।

🔹 चरण 4
सिर्फ शासक नहीं, शिक्षक बने,
गांव-गांव में पाठशाला तले।
हर बच्चे को मिला उजियारा,
ज्ञान से भरा सुंदर सारा।

📖 अर्थ:
उन्होंने शिक्षा को प्राथमिकता दी, जिससे हर जाति और वर्ग के बच्चे शिक्षा पा सके और उनका भविष्य उज्ज्वल बने।

🔹 चरण 5
समता का संदेश दिया,
धर्मनिरपेक्ष मार्ग चुना।
नारी को भी मिला सम्मान,
हर क्षेत्र में बढ़ाया स्थान।

📖 अर्थ:
शाहू महाराज ने धर्म, जाति, लिंग के भेद को नकारते हुए समाज में समता और समानता की भावना को बढ़ावा दिया।

🔹 चरण 6
कर्मठता की मिसाल बने,
अन्याय से सदा लड़े।
प्रेरणा बने आज भी जो,
हर युग में जिंदा हैं वो।

📖 अर्थ:
उनके कार्य और साहस आज भी प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी और जनता के कल्याण के लिए निरंतर प्रयास किया।

🔹 चरण 7
पुण्य दिवस पर नमन् करें,
उनके विचारों को जीवन धरें।
शिक्षा, समता, सम्मान का भाव,
शाहूजी जैसा हो सबका प्रभाव।

📖 अर्थ:
इस पुण्य दिवस पर हमें शाहू महाराज के विचारों को अपनाना चाहिए और शिक्षा, समानता, व सम्मान को जीवन में उतारना चाहिए।

🌟 संक्षिप्त अर्थ / Short Meaning:
यह कविता छत्रपति शाहू महाराज के समता, शिक्षा, और सामाजिक न्याय के कार्यों को सम्मानपूर्वक दर्शाती है। उनका जीवन सभी के लिए प्रेरणा है कि नेतृत्व केवल सत्ता नहीं, सेवा और समर्पण होता है।

📸 प्रतीक और इमोजी
भाव / विषय   प्रतीक / इमोजी
शिक्षा और ज्ञान   📚🧠
सामाजिक न्याय   ⚖️👥
श्रद्धांजलि / सम्मान   🙏🕯�
प्रेरणा और नेतृत्व   🌟👑
समानता और समर्पण   🤝❤️

💐 निष्कर्ष
छत्रपति शाहू महाराज एक ऐसे शासक थे जिन्होंने सामाजिक क्रांति की मशाल जलाकर अंधकार में रोशनी की। उनका पुण्य स्मरण केवल श्रद्धा नहीं, बल्कि कार्य और कर्तव्य का आह्वान है।

🕊� "समानता की जोत जलाई, शाहू महाराज की छाया सदा बन जाए हमारी परछाई।" 🕊�

🙏 जय शाहू महाराज!

--अतुल परब
--दिनांक-06.05.2025-मंगळवार.
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