🙏🌟 श्री स्वामी युक्तेश्वर जयंती – 10 मई 2025, शनिवार 🌟🙏

Started by Atul Kaviraje, May 10, 2025, 10:17:55 PM

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Atul Kaviraje

🙏🌟 श्री स्वामी युक्तेश्वर जयंती – 10 मई 2025, शनिवार 🌟🙏
एक भक्ति-भावपूर्ण अर्थपूर्ण दीर्घ हिंदी कविता
(07 चरण × 04 पंक्तियाँ + हर चरण का सरल हिंदी अर्थ)
🧘�♂️📿✨ चित्र, प्रतीक और इमोजी सहित ✨📿🧘�♂️

🌼 चरण 1:
स्वामी युक्तेश्वर संत महान, आत्मा के पथ के जानकार।
योग, ज्योतिष, वेद-विवेक, बनें जग के उजियार।।
ध्यान में लीन, सत्य के राही, जीवन सरल बनाया।
शिष्य बनें प्रेरणा उनके, पथ नया दिखलाया।।

📜 अर्थ:
स्वामी युक्तेश्वर एक ज्ञानी संत थे जिन्होंने योग, ज्योतिष और वेदों के माध्यम से सत्य का मार्ग दिखाया। वे एक आध्यात्मिक प्रकाशस्तंभ बने।

🌼 चरण 2:
श्री युक्तेश्वर गुरुकुल में, विद्या की थी छाया।
ज्ञान, तप, सेवा के बल पर, जीवन को वो साधा।।
जिनको छू लिया उनके प्रेम ने, वे धन्य हो गए।
गुरु-देव की कृपा से, दुख सब दूर गए।।

📜 अर्थ:
उनका आश्रम गुरुकुल के समान था जहाँ ज्ञान, सेवा और तपस्या से साधक निर्मल बनते थे। उनकी संगत में दुःख भी मिट जाते थे।

🌼 चरण 3:
ज्योतिष में पारंगत थे, समय को जानें भली।
कर्म और काल की भाषा, जैसे हो कोई कली।।
ग्रहों से भी बताया पथ, धर्म का रहस्य खोला।
विज्ञान और ध्यान से, अज्ञान का पर्दा खोला।।

📜 अर्थ:
वे केवल संत नहीं, एक ज्योतिषविद् भी थे जिन्होंने ग्रहों के माध्यम से धर्म और जीवन के रहस्यों को उजागर किया।

🌼 चरण 4:
योगी युक्तेश्वर कहलाए, योग-मार्ग के ज्ञाता।
काया में ही ब्रह्म दिखाया, आत्मा का समझाया नाता।।
क्रिया योग का दिया उपदेश, साधना को सार बताया।
शांत मन, ऊँची दृष्टि, सबको ध्यान में लाया।।

📜 अर्थ:
उन्होंने क्रिया योग का मार्ग बताया जिससे आत्मा और परमात्मा का मिलन होता है। उनका मार्ग ध्यान और आत्मसाक्षात्कार का था।

🌼 चरण 5:
शिष्य परमहंस योगानंद, गुरु को शीश नवाए।
'ऑटोबायोग्राफी ऑफ योगी' में, युक्तेश्वर को जग दिखाए।।
जिन्हें गुरु मिला युक्तेश्वर सा, उसका जीवन सफल।
भक्ति, ज्ञान, और योग का बना सुंदर संबल।।

📜 अर्थ:
उनके शिष्य परमहंस योगानंद ने अपने गुरु की ख्याति विश्वभर में फैलाई। उनके आदर्शों से साधकों को सच्चा पथ मिला।

🌼 चरण 6:
जयंती का पावन ये अवसर, स्मरण करें हम आज।
गुरुचरणों में अर्पित करें, मन, वचन, और काज।।
सादगी, समर्पण, और साधना, जीवन का बनें मंत्र।
युक्तेश्वर जैसा बनें जीवन, हो सेवा का केंद्र।।

📜 अर्थ:
उनकी जयंती के दिन हमें उनकी शिक्षाओं को अपनाने का संकल्प लेना चाहिए – सेवा, समर्पण और साधना से युक्त जीवन जिएं।

🌼 चरण 7:
स्वामीजी के पुण्यस्मरण में, दीप जलाएं आज।
सत्य, प्रेम, और ध्यान से करें जीवन की साज।।
गुरु कृपा से मिल जाए, आत्मा को विश्राम।
भक्ति-पथ पे चलें निरंतर, यही है सच्चा काम।।

📜 अर्थ:
आज हम उनके स्मरण में दीप जलाकर जीवन को सत्य, प्रेम और भक्ति से भर दें, जिससे आत्मा को शांति और शुद्धता मिले।

📚 कविता का संक्षिप्त सार (Short Meaning):
यह कविता स्वामी युक्तेश्वर जी के जीवन, उनके योग-ज्ञान, ज्योतिष, भक्ति और शिष्य-प्रेम पर आधारित है। उनके जीवन से हम ध्यान, साधना, और आध्यात्मिक सेवा की प्रेरणा लेते हैं।

🔆 प्रतीक और इमोजी तालिका:
प्रतीक   अर्थ
🙏   गुरु वंदना
🌼   श्रद्धा और जयंती
📿   साधना और भक्ति
🧘�♂️   ध्यान और योग
✨   आत्मिक प्रकाश
📘   ज्ञान और ग्रंथ
🔆   दिव्यता और सच्चाई

🌟 "गुरु कृपा ही जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति है" 🌟
🙏 श्री स्वामी युक्तेश्वर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं! 🙏

--अतुल परब
--दिनांक-10.05.2025-शनिवार.
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