🙏🌺 रांगोळी महाराज पुण्यतिथि – मालवण, सिंधुदुर्ग (10 मई 2025, शनिवार) 🌺🙏

Started by Atul Kaviraje, May 10, 2025, 10:18:29 PM

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Atul Kaviraje

🙏🌺 रांगोळी महाराज पुण्यतिथि – मालवण, सिंधुदुर्ग (10 मई 2025, शनिवार) 🌺🙏
एक भक्ति-भावपूर्ण, अर्थपूर्ण, सरल हिंदी कविता – 07 चरण × 04 पंक्तियाँ
प्रत्येक चरण का हिंदी अर्थ, प्रतीक, इमोजी और संक्षिप्त सार सहित

🌼 चरण 1:
सिंदूर से रंगे चरण, रांगोळी महाराज।
भक्ति से जिनका जीवन, त्यागमय हर काज।।
संतों की उस परंपरा के, उज्ज्वल दीप बने।
मालवण की माटी में, जैसे प्रभु स्वयं तने।।

📜 अर्थ:
रांगोळी महाराज का जीवन भक्ति और सेवा से परिपूर्ण था। वे सिंधुदुर्ग की संत परंपरा में उज्ज्वल दीपक की तरह थे।

🌼 चरण 2:
मालवण की पुण्य भूमि, गूंजे जय जयकार।
जहाँ महाराज ने बाँटा, प्रेम और उद्धार।।
जन-जन को दी राह नई, सेवा का उपदेश।
बिन भेदभाव के सभी को, मिला स्नेह विशेष।।

📜 अर्थ:
मालवण में उन्होंने समाज को प्रेम, समर्पण और सेवा का मार्ग दिखाया, और सबको एक समान स्नेह दिया।

🌼 चरण 3:
सादगी में थी दिव्यता, मौन में था ज्ञान।
महाराज की वाणी में, छिपा था भगवान।।
शब्द नहीं, व्यवहार बोले, प्रेम बना प्रकाश।
उनकी दृष्टि से मिट गया, भीतर का सर्वविकास।।

📜 अर्थ:
उनका जीवन सादगी और मौन में छुपी दिव्यता से परिपूर्ण था। उनकी दृष्टि और आचरण ही सच्चा उपदेश था।

🌼 चरण 4:
भंडारे, सेवा, संत मिलन, जीवन का था सार।
रोगियों को दी शांति, भूखों को अन्न अपार।।
कभी न जताया एहसान, सबको दिया सम्मान।
हर दिल में बस गए महाराज, जैसे कोई प्राण।।

📜 अर्थ:
वे हमेशा सेवा, भंडारे और करुणा के कार्यों में लगे रहे और बिना दिखावे के सबको सम्मानपूर्वक मदद दी।

🌼 चरण 5:
रांगोळी की पुण्यतिथि, श्रद्धा से मनाएं।
मन के दीप जलाकर, सच्चे पथ पर जाएं।।
संतवाणी को अपनाएं, जीवन बने सरल।
भक्ति में हो समर्पण, यही है श्रद्धा का फल।।

📜 अर्थ:
उनकी पुण्यतिथि पर हमें उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए, सच्चे मार्ग पर चलना चाहिए।

🌼 चरण 6:
हर एक कर्म में सच्चाई, जीवन में संतत्व।
दीन-दुखी की सेवा ही, सच्चा धर्मत्व।।
बिना मांगें जिसने दिया, वही महापुरुष होता।
रांगोळी जैसे संत को, युग-युग तक नमन होता।।

📜 अर्थ:
उन्होंने निस्वार्थ सेवा और सत्य का जीवन जिया। ऐसे संत सदियों तक पूजे जाते हैं।

🌼 चरण 7:
आओ सब मिल श्रद्धा से, चरणों में शीश झुकाएं।
उनके जीवन से सीख लें, मानवता अपनाएं।।
पुण्यतिथि का ये अवसर, बने नव संकल्प का दिन।
संतों की इस धरोहर को, रखें हृदय में बिन।।

📜 अर्थ:
इस पुण्यतिथि को हम सब उनके चरणों में नमन करके संकल्प लें कि हम भी मानवता और सेवा को जीवन का हिस्सा बनाएंगे।

🪔 कविता का सार (संक्षिप्त अर्थ):
रांगोळी महाराज एक महान संत थे जिन्होंने सादगी, मौन, प्रेम, और सेवा को जीवन का आधार बनाया। उनकी पुण्यतिथि न केवल श्रद्धांजलि देने का दिन है, बल्कि एक अवसर है उनके आदर्शों को जीवन में अपनाने का।

🔆 प्रतीक और इमोजी तालिका:
प्रतीक   अर्थ
🙏   श्रद्धांजलि
🌼   संत की दिव्यता
📿   भक्ति और सेवा
🏞�   मालवण की भूमि
🕯�   पुण्यस्मरण दीप
🤲   समर्पण
✨   आंतरिक प्रकाश
💛   संत का प्रेम

🌟 "सच्चे संत की जीवनगाथा, जनमानस की अमूल्य थाती है।" 🌟
🙏 रांगोळी महाराज पुण्यतिथि पर सच्ची श्रद्धांजलि 🙏

--अतुल परब
--दिनांक-10.05.2025-शनिवार.
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